देहरादून: गढ़वाल की एक ऐसी वीरांगना जो केवल 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थी और सात साल तक जिसने अपने दुश्मन राजाओं को छठी का दूध याद दिलाया था। गढ़वाल की इस वीरांगना का नाम था ‘तीलू रौतेली’। तीलू रौतेली विश्व की एकमात्र वीरांगना है, जिनकी जयंती पर प्रदेश सरकार की ओर से उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को हर साल पुरस्कृत किया जाता है।

वही उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली की जयंती पर प्रदेश सरकार राज्य की 21 महिलाओं को तीलू रौतेली राज्य स्तरीय पुरस्कार देगी। बृहस्पतिवार को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्या ने वर्ष 2019-20 के लिए दिए जाने वाले इन पुरस्कारों के नामों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस दौरान अच्छा काम करने वाली 22 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी पुरस्कृत किया जाएगा।

राज्यमंत्री ने नामों की घोषणा करते हुए बताया कि 8 अगस्त को इन महिलाओं को पुरस्कृत किया जाएगा। जिसमें अल्मोड़ा से प्रीति भंडारी, शिवानी आर्य, बागेश्वर से गुंजन बाला, चंपावत से जानकी चंद, चमोली से शशि देवली, देहरादून से उन्नति बिष्ट, संगीता थपलियाल, गीता मौर्या, हरिद्वार से पुष्पांजलि अग्रवाल, नैनीताल से कंचन भंडारी, मालविका माया उपाध्याय, पिथौरागढ़ से सुमन वर्मा, शीतल पौड़ी गढ़वाल से मधु खुगशाल टिहरी गढ़वाल से कीर्ति कुमारी, रुद्रप्रयाग से बबीता रावत, सुमती थपलियाल, ऊधमसिंह नगर से ज्योति उप्रेती अरोड़ा, मीनू लता गुप्ता, चंद्रकला राय और उत्तरकाशी से हर्षा रावत शामिल हैं।

इसके अलावा 22 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। जिसमें अल्मोड़ा से नीता गोस्वामी, गीता देवी, बागेश्वर से पुष्पा, चंपावत से हेमा बोरा, चमोली से अंजना रावत, देहरादून से हयात फातिमा, सुधा, सीमा, हरिद्वार से पूनम, सुमनलता यादव, असमा, नैनीताल से गंगा बिष्ट, समारेज, निर्मला पांडे, पिथौरागढ़ से चंद्रकला, पौड़ी से अर्चना देवी, रोशनी, रुद्रप्रयाग से सुशीला देवी, टिहरी गढ़वाल से लक्ष्मी देवी, ललिता देवी, उत्तरकाशी से कुसुम मेहर और बीना चौहान शामिल हैं।

 

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