• कांग्रेस ने लगाये राजभवन पर पक्षपात के आरोप

देहरादून: लोकतंत्र में संघीय ढांचे में केंद्र व राज्य में सरकार व विपक्ष के बीच राष्ट्रपति व राज्यपाल एक कड़ी होती है। सरकारों के प्रति विपक्ष की अगर कभी कोई शिकायत होती है तो राज्यपाल व राष्ट्रपति के दरवाजे विपक्ष खटखटाता है और अगर राष्ट्रपति व राज्यपाल के दरबार में भी विपक्ष की सुनवाई नहीं होगी तो लोकतंत्र जीवित कैसे रहेगा।

यह बात आज कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सवदलिय प्रतिनिधिमंडल को राजभवन ने समय दे दिया पर प्रतिक्रिया स्वरूप कही। उन्होंने कहा कि 12 अगस्त को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में हुईं विपक्षी पार्टियों की बैठक में तय हुआ था कि कोविड19 के प्रोटोकॉल के मामले में राज्य सरकार के इशारे पर साशन द्वारा अपनाए जा रहे दोहरे मास्पदण्डों के खिलाफ राजभवन से समय मांगा जाएगा।

जिसके अनुसार 12 अगस्त को राजभवन से समय मांगा गया किन्तु आज तीसरे दिन भी राजभवन ने राज्यपाल से मिलने का समय नहीं बताया। धस्माना ने कहा कि विपक्ष की बात अगर राज्यपाल भी नहीं सुनेंगे तो विपक्ष के पास सड़कों पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। धस्माना ने कहा कि पार्टी की ओर से सोमवार को एक बार फिर राजभवन से समय मांगा जाएगा।

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