रुद्रप्रयाग: भारतीय संस्कृति हमेशा से ही विदेशियों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है। एक बार फिर भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर विदेशी जोड़ा उत्तराखंड पहुंचा। यहां दोनों हिंदू रीति-रिवाज से एक दूजे संग सात फेरे लेकर सात जन्मों के बंधन में बंध गए।
अमेरिका के सीगल और स्पेन की मेरी ने रुद्रप्रयाग के गीता कुटीर मंदिर में भारतीय रीति-रीवाज के साथ शादी की। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा विश्व में सर्वश्रेष्ठ है, जो बंधनों को मजबूत करने का संदेश देती है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड पर स्थित बांसवाड़ा में गीता-कुटीर मंदिर में गांव के पंडित जी ने हिंदू परंपरानुसार सीगल और मेरी का विवाह कराया। सुबह गणेश पूजन के बाद हल्दी हाथ की रस्म निभाई गई। मंगल स्नान के बाद सात फेरे लिए गए।
सभी रस्में पहाड़ी रीति-रिवाज के साथ पूरी की गई। नवदंपती ने कहा कि भारत देश बहुत अच्छा लगता है। वे यहां विवाह करना चाहते थे, इसलिए यहां पहुंचे। उन्होंने बताया कि दोनों लॉकडाउन से पहले से भारत में आ गए थे। बुधवार को वो नई टिहरी के नरेंद्रनगर से पैदल ही रुद्रप्रयाग होते हुए बांसवाड़ा पहुंचे। दोनों का विवाह कराने में होटल व्यवसायी अमित सजवाण और उसके पिता देवेंद्र सिंह सजवाण ने भरपूर मदद की।