लखनऊ: लखनऊ में विधानसभा मार्ग पर खुद को जलाने की कोशिश करने वाली अंजलि उर्फ आयशा आखिकार जिंदगी की जंग हार गई। बीजेपी प्रदेश कार्यालय के गेट पर मंगलवार को आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास करने वाली महिला की अस्पताल में मौत हो गई है। महिला 90 फीसदी तक जल चुकी थी और उसका इलाज सिविल अस्पताल के बर्न यूनिट में चल रहा था।सिविल अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सकों ने महिला को बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। साथ ही कहा कि वह गंभीर हालत में सिविल अस्पताल आई थी।
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ये घटना हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक पीड़ित महिला अंजलि तिवारी यूपी के महाराजगंज के रहने वाली है। जिसकी शादी अखिलेश तिवारी से हुई थी। बताया जा रहा है कि शादी के कुछ दिनों बाद दोनों के बीच तलाक हो गया था। इसक बाद महिला ने धर्म परिवर्तन कर आसिफ नाम के युवक से शादी रचाई थी। शादी के बाद आसिफ रजा सऊदी चला गया था। महिला के मुताबिक आसिफ और उसके परिजन उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे।
अंजली ने तब तक इस प्रताड़ना से लड़ाई लड़ी जब तक उसे लगा कि वो जीत जायेगी, आसिफ और उसके घरवाले मान जाएंगे और सारे हालात ठीक हो जाएंगे। किन्तु जब उसे लगा कि उसकी तकलीफों का कोई अंत नहीं है तो उसने अपने जीवन का ही अंत कर लिया।प्रताड़ना से परेशान होकर महिला ने बीजेपी के गेट नंबर 2 पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग लगा ली।
इस बीच मामले में लखनऊ पुलिस ने पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे आलोक को हिरासत में लिया है। आलोक को कांग्रेस पार्टी से जुड़ा बताया जा रहा है। पुलिस को मामले में साजिश की आशंका है। सूत्रों के मुताबिक घटनास्थल पर आलोक की लोकेशन मिल रही थी। ये भी कहा जा रहा है कि आलोक महिला के संपर्क में भी था।