देहरादून: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को बड़ा झटका लगा है। सरकार ने उनसे भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी वापस ले ली है। उनके स्थान पर श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को अतिरिक्त दायित्व दिया गया है।

बोर्ड के अध्यक्ष श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू के एनजीओ को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी जून 2020 में दायर हुई। इस मामले में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत, पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं, सचिव श्रम और केंद्र सरकार के श्रम विभाग को भी नोटिस जारी हुए। यह मामला अभी उत्तराखंड हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

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राज्य में भवन निर्माण मानचित्र पास कराने का एक प्रतिशत लेबर सेस बोर्ड के खाते में ही आता है। बोर्ड के खाते में अभी 100 करोड़ से ज्यादा का बजट है। भवन निर्माण से जुड़े श्रमिकों को उपकरण, साइकिल, सिलाई मशीन और उनके बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती है। लॉकडाउन में बड़े पैमाने पर राशन किट और एक एक हजार रुपये की आर्थिक मदद भी बोर्ड की ओर से ही दी गई।

सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ की ओर से मंगलवार देर शाम इसके आदेश जारी किए गए। ये आदेश ऐसे समय में हुआ है, जब भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड लगातार विवादों में है। हरक सिंह रावत बतौर श्रम मंत्री बोर्ड अध्यक्ष पद का जिम्मा संभाले हुए थे।

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