आदि स्वरूपा मां शक्ति की आराधना का पावन पर्व नवरात्रि का आज पंचम दिन है। इस दौरान अलग-अलग दिन मां के अलग-अलग स्वरूपों की वंदना होती है। पहले दिन कलश स्थापना से शुरू हुआ व्रत नौवें दिन पारण के साथ खत्म होता है। इस दौरान भक्त मां की पूजा में लीन होते। वहीं आज हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों नवरात्रों के दिनों में लहसुन प्याज खाने की मनाही होती है।

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लहसुन-प्याज का सेवन ना करने की परंपरा…

लोग माता की पूजा के 9 दिनों के दौरान लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करते हैं। हिंदू धर्म, नवरात्रि के दौरान इन नियमों का पालन इसलिए करते है क्योंकि वेदों में कहा गया है कि प्याज-लहसुन के सेवन से शरीर में जुनून, उत्तजेना और अज्ञानता जैसी भावनाओं को बढ़ावा मिलता है। ये भावनाएं किसी व्यक्ति द्वारा भगवद् या लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में बाधा उत्पन्न करती हैं, व्यक्ति की चेतना को प्रभावित करती हैं इसलिए इन्हें नहीं खाना चाहिए। हालांकि नवरात्रि के दौरान लहसुन-प्याज खाने या ना खाने को लेकर कोई बाध्यता नहीं है।

ऐसे भी हैं जो पूरे नवरात्रि भोजन ग्रहण नहीं करते…

यही वजह है कि नवरात्रि के दौरान लोग सात्विक भोजन खाते हैं, जमीन पर सोते हैं और कई नियमों का पालन करते हैं। ये नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाए गए हैं जो नवरात्रि के दौरान नौ दिन का व्रत करते हैं। व्रती केवल व्रत वाला शुद्ध भोजन खाते हैं। कुछ लोग हर दिन एक बार भोजन करते हैं पर प्याज-लहसुन के बिना बना हुआ। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पूरे नवरात्रि भोजन ग्रहण नहीं करते हैं।

चीन में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायी भी…

ऐसा नही है कि केवल हिंदू धर्म में ऐसी मान्यताएं हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्राचीन मिस्त्र के पुरोहित प्याज और लहसुन नहीं खाते थे। यही नहीं, चीन में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायी भी इन सब्जियों को खाना पसंद नहीं करते। जापान के प्राचीन खाने में कभी भी लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता था।

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