देहरादून: उत्तराखंड वन रक्षक भर्ती में हुई धांधली को लेकर आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तराखंड वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड के 1218 पदों की भर्ती परीक्षा रद्द नहीं होगी। शुक्रवार को बोर्ड बैठक में सभी तथ्यों को देखते हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने यह फैसला लिया है। आयोग का कहना है कि भर्ती परीक्षा में कुछ केंद्रों पर नकल कराने का मामला है।
इसमें 31 अभ्यर्थियों की पहचान हो चुकी है, शेष 26 अभ्यर्थियों की पहचान के लिए एसआईटी को अंतिम जांच रिपोर्ट देने को एक माह का समय दिया गया है। आयोग ने निर्णय लिया कि पेपर लीक वाले 22 परीक्षा केंद्रों को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाएगी।
चयन आयोग ने फरवरी 2020 में फॉरेस्ट गार्ड पदों की लिखित परीक्षा कराई थी। 188 परीक्षा केंद्रों पर लगभग एक लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। हरिद्वार, पौड़ी और देहरादून जिले में करीब 22 परीक्षा केंद्रों पर ब्लू टूथ के जरिये नकल कराने की शिकायत मिली। इसमें 20 केंद्र हरिद्वार जिले के हैं।
इस पर मंगलौर, रुड़की और पौड़ी में एफआईआर दर्ज की गई। एसआईटी जांच में नकल करने वाले कुल 57 अभ्यर्थियों में से 26 की पहचान नहीं हुई है। आयोग ने निर्णय लिया कि नकल करने का मामला सीमित है। जबकि ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या अधिक है, जिन्होंने परीक्षा के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं की है। इसलिए परीक्षा को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है।
चयन आयोग के अनुसार एसआईटी जांच में पाया गया कि बीएसएम इंटर कॉलेज रुड़की के परीक्षा केंद्र में कक्ष निरीक्षक रचित पुंडीर ने पेपर लीक किया है। कक्ष निरीक्षक ने प्रश्न पत्र की फोटो खींच कर राहुल नाम के व्यक्ति को दी। इसके बाद प्रश्न पत्र को हल कर ब्लू टूथ डिवाइस पर कॉल कर परीक्षा में बैठे कुछ अभ्यर्थियों को उत्तर बताए गए। ब्लू टूथ डिवाइस एक ही आईएमईआई नंबर से संचालित की गई थी।