नीरज उत्तराखंडी
- छोटी अवधि में बड़ी उपलब्धि
- 5 वर्ष की अल्पायु में देवांश ने मनवाया प्रतिभा का लोहा
प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। जी हां ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पुरोला विकास खंड के पोरा गांव निवासी देवांश बिजलवाण ने। देवांश ने 5 वर्ष की अवस्था में नृत्य व तबला वादन सीख उस्ताद बन कर सबको अचम्भित कर दिया और 6 वर्ष की उम्र में शिव तांडव स्त्रोत कंठस्थ तथा विभिन्न मंचों पर गायन कर सबको दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया।
अपने अंदर छीपी वैज्ञानिक प्रतिभा को उद्घाटित कर देवांश ने बाल वैज्ञानिक के रूप में 6 व 7 फरवरी 2020 को ॠषिकेश में आयोजित राज्य स्तरीय इंस्पायर आवार्ड वैज्ञानिक प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर ट्राई प्लायर ड्रोन उड़ा कर तथा सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेकर अपने हुनर का लोहा मनवाया और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की निदेशक सीमा जौनसारी ने उनकी भूरि भूरि प्रशंसा उन्हें पुरस्कृत किया।
देवांश का जन्म 10 अगस्त सन् 2007 में जनपद उत्तरकाशी की ऊपजाऊ चमत्कारिक मिट्टी रवांई घाटी के विकास खंड पुरोला के पोरा गांव में हुआ। इनके पिता मनोज बिजलवाण राजकीय इंटर कालेज थराली चमोली में कार्यरत है।
देवांश ने कक्षा 6 जवाहर नवोदय विदधयालय पीपल कोटी चमोली से उत्तीर्ण की। देवांश ने 5 वर्ष की अल्प अवधि में तबला वादन व नृत्य सीखा।इसके अतिरिक्त चित्रकला सांस्कृतिक गतिविधि और पेंटिंग विज्ञान इनकी अभिरूचि का अभिन्न अंग रहा है। केवल 6साल की अवस्था में शिव तांडव स्त्रोत्र कंठस्थ कर अपने इरादे जता दिये थे । देवांश बिजलवाण वर्तमान समय में राजकीय आदर्श इंटर कालेज थराली में अध्यनरत है।