बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने महज 4 महीने में 85 लाख से अधिक कोरोनिल किट बेच डाली है। कंपनी के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में बेची गई दवाओं की कुल बिक्री करीब 241 करोड़ रुपये है।

कंपनी के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 18 अक्टूबर से 23 जून के बीच कुल 23.54 लाख कोरोनिल किट बेचे गए। कोरोनिल को कोविड-19 के इलाज के रूप में 23 जून को लॉन्च किया गया था। हालांकि, अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि यह कोरोना के इलाज में कारगर है या नहीं।बा जार में आने के कुछ समय बाद ही कोरोना के इलाज के अपने दावों को लेकर कंपनी विवादों में घिर गई थी। कंपनी के क्लिनिकल ट्रायल व इससे जुड़े आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े हुए थे।

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बता दें कि कंपनी ने इसे बनाने से पहले खांसी, बुखार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा के रूप में बनाने की अनुमति ली थी। 24 जून को उत्तराखंड आयुष विभाग ने पतंजलि को नोटिस जारी किया था और इस संबंध में 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा था। उत्तराखंड के आयुष विभाग के लाइसेंस अधिकारी ने खुद सामने आते हुए कहा था कि उनकी ओर से पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर तैयार करने का लाइसेंस दिया गया था। वहीं, कोरोनिल की लॉन्चिंग में बाबा रामदेव ने बताया था कि कि यह दवा पतंजलि स्टोर पर मिलेगी। कंपनी ने ऐप की मदद से ऑनलाइन दवाई ऑर्डर बुक करने की बात कही थी।

कोरोनिल दवा की कीमत 545 रुपए रखी गई थी। लॉन्चिंग के बाद आयुष मंत्रालय ने कंपनी को कोरोनिल के संबंध में कोरोना के इलाज संबंधी विज्ञापन पर रोक लगाने को कहा था। सरकार का कहना था कि वह इसे खांसी, बुखार और इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवा के रूप में ही बेचे।इससे पहले पतंजलि की ओर से ‘कोरोनिल’ ब्रांड का इस्तेमाल किए जाने पर मद्रास हाई कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कोरोनिल शब्द का इस्तेमाल बंद करने का आदेश भी दिया था।

 

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