उत्तरकाशी: आज अन्नकूट के पावन अवसर पर पूरे विधि विधान के साथ मां गंगा गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए हैं। इस दौरान भारी तादाद में श्रद्धालु इस पल के गवाह बने।
बिहार रेजिमेंट की बैंड की धुनों के साथ और पुरोहितों के मंत्रोचार के साथ मां गंगा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखवा के लिए निकल पड़ी। मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि कोरोना काल की वजह से इस बार यात्रा जरूर कम रही लेकिन मां गंगा की कृपा से ही कोरोना महामारी ने पूरे उत्तराखंड के साथ-साथ देश में हालात खराब नहीं होने दिए। आज सुबह से पूजा अर्चना का दौर शुरू हो गया था। सुबह साढ़े दस बजे गंगोत्री मंदिर में विशेष पूजा अर्चना एंव गंगा अभिषेक के साथ कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई।
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दोपहर 12:15 बजे गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए। इसके बाद मां गंगा की भोग मूर्ति की डोली मुखबा गांव के लिए रवाना किया गया। वहीं सोमवार को भैया दूज के मौके पर केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
भैयादूज के पावन पर्व पर 16 नवंबर को कपाट सुबह 5.30 बजे बंद कर दिए जाएंगे। बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली उसी दिन रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली 18 नवंबर को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी।