देहरादून: कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर के बारामुला क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर उत्तराखंड में तीर्थनगरी ऋषिकेश के लाल राकेश डोभाल शहीद हो गए थे। बीएसएफ की तोपखाना यूनिट में तैनात उप निरीक्षक राकेश डोभाल पाकिस्तान की ओर से की गयी गोलाबारी में शहीद हो गए थे। शहीद का पार्थिव शरीर घर पर पहुंचते ही स्वजनों में चीख-पुकार मच गयी। शहीद राकेश डोभाल की 10 वर्षीय पुत्री दित्या उर्फ मौली ने जय हिंद का नारा लगाकर पिता को सैल्यूट किया। परिवार जनों ने किसी तरह से रोते बिलखते स्वजनों को सांत्वना दी थी।
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वही उत्तराखंड सरकार बारमूला में शहीद हुए बीएसएफ के सब इंसपेक्टर राकेश डोभाल के आश्रित को उसकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी देगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह घोषणा की है। सीएम ने शहीद के परिजनों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की ओर से उनकी हरसंभव मदद की जाएगी।
राकेश डोभाल के परिजन प्रकाश डोभाल ने बताया कि उनकी ओर से सीएम को ज्ञापन दिया गया है कि अर्द्धसैनिक बल में नौकरी की बजाय शहीद की पत्नी को योग्यता के अनुसार राज्य सरकार में नौकरी दी जाए। वहीं अब देहरादून में ग्रफिक एरा विश्वविद्यालय के चैयरमैन डॉo कमल घनशाला के द्वारा भी देश के लिए बलिदान हुए शहीद राकेश डोभाल के बच्चों की शिक्षा का जिम्मा लिया गया है और उन्होंने शोकाकुल परिवार को दस लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की है।