देहरादून: उत्तराखंड राज्य में फर्जी शासनादेश के वायरल होने के तमाम मामले सामने आ चुके है। जिसमे मुख्य रूप में फर्जी विज्ञप्ति और त्योहारों पर फर्जी छुट्टी का शासनादेश है। इसी क्रम में पिछले साल इगास पर्व के अवसर पर, सरकारी छुट्टी का एक आदेश जारी हुआ था। जिसमे एक दिन की छुट्टी होने की बात कही गयी थी। जिसके वायरल होने के बाद अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक आदेश जारी कर इसका खंडन किया था कि इगास पर्व पर कोई छुट्टी नही है। और जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वो फर्जी है। इसके साथ ही इस मामले पर एफआईआर भी दर्ज कराया गया था।
हालांकि, पिछले साल वायरल हुई फर्जी छुट्टी के आदेश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के मामले को एक साल बीत गया है। लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नही हो पाई है। इससे साफ पता चलता है कि उत्तराखंड की पुलिस कितनी तत्परता से कार्य करती है। हालांकि फर्जी आदेश जारी करना एक तरह से राज्य के लिए बहुत बड़ा मामला है लेकिन पुलिस विभाग के लिए ये मानो बस एक छोटी सी घटना हो।
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वहीं राधा रतूड़ी उत्तराखंड शासन में नंबर दो की पोजीशन में है। वह अपर मुख्य सचिव हैं अगर आज ओमप्रकाश मुख्य सचिव नहीं बनते तो राधा रतूड़ी मुख्य सचिव बनती। उस पोजीशन में है 1 साल पहले उन्होंने लिखित में कहा था कि हम f.i.r. करवा रहे हैं जिस समय उन्होंने यह बात कही उस समय भी उनके पति डीजीपी बन चुके थे। जिस प्रदेश में एक सीनियर अधिकारी कह रही हो कि वह f.i.r. कराएगी और कार्यवाही होगी तब से दूसरी इगास आ गई है, ना तो इगास की छुट्टी की घोषणा हुई ना सरकार ने विकास की छुट्टी की।
छुट्टी की घोषणा को माना और एक सीनियर आईएएस अधिकारी द्वारा इतनी गंभीर कहने के बावजूद आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और ना तो किसी ने पूछा ना इस प्रदेश के सत्तापक्ष ने पूछा, ना विपक्ष ने पूछा और ना ही जो सोशल एक्टिविस्ट है जो इस प्रदेश में इगास की छुट्टी की मांग कर रहे हैं उन्होंने भी राधा रतूड़ी को पलट कर यह नहीं पूछा।
आखिरकार तुम्हारे द्वारा लिखी एफआईआर की बात थी। वह कहां है…! क्या आपने f.i.r. करवाई की नही करवाई तो क्या आपके द्वारा लिखी बात झूठ थी और इस पूरे घटनाक्रम से यह साबित होता है कि इस प्रदेश में नौकरशाही ने सरकार को अपने जाल में फंसा रखा है।
राधा रतूड़ी का यह पत्र दिखाता है कि यह प्रदेश नौकरशाही की चपेट में है। यह लोग जो कहते हैं वह करते नहीं हैं इसीलिए इस प्रदेश का आज बेड़ा गर्ग हो रहा है। सरकार को चाहिए कि इस तरह के जो नौकरशाह है जो इतनी हल्की बातें लिख रहे हैं कह रहे हैं और उसके बाद कोई एक्शन नहीं हो रहा है इन लोगों के खिलाफ क्यों ना एक्शन किया जाए।
हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में कोई भी अधिकारी इस तरह की कोई भी हल्की बात नहीं कहेगा और लिखेगा, जिससे उत्तराखंड की छीछालेदर हो। आज 1 साल हो गया ना तो इगास की छुट्टी हुई और ना राधा रतूड़ी का उस f.i.r. का पता चला।