प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजे गए प्रसिद्ध कवि व लेखक मंगलेश डबराल का बुधवार को 76 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह बीते कुछ दिनों से कोविड-19 से संक्रमित थे। उनका वसुंधरा के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।

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एक सप्ताह पहले वह कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनका वसुंधरा के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। बुधवार को हृदयगति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई। मंगलेश डबराल को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। 14 मई 1948 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड के काफलपानी गांव में मंगलेश डबराल का जन्म हुआ था। लंबे समय से वह वसुंधरा में रह रहे थे।

बता दें कि मंगलेश डबराल काफी सक्रिय रहे हैं। वह अंत समय तक अपने लेखन को जारी रखे हुए थे। उनके कलम हर विषय पर चले चाहे वह राजनीति,समाज, साहित्‍य हो या भाषा हो। साहित्‍य में काव्‍य लेखन में उनकी लेखनी का जोड़ नहीं था। वह संगीत के रागों पर अलावा नाट्य समीक्षा भी की। उनके चाहने वाले उनके यात्रा वृतांत को पढ़ने के लिए हमेशा ही ललायित रहते थे। उसे पढ़ ऐसा लगता था कि माने सब कुछ आंखों के सामने तैर रहा हो।

 

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