देहरादून : देहरादून एक करोड़ रूपए रिश्वत के आरोप में चकराता निवासी महेंद्र चौहान की अरेस्टिंग के बाद दून में अभी भी सीबीआई की सर्च जारी है।सूत्रों की माने तो सीबीआई को दून में कुछ कागज़ात व अन्य सामग्री मिलने की उम्मीद है।रेलवे में ये रिश्वत का ये अभी तक का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है।

सीबीआई ने रेलवे के उप मुख्य इंजीनियर हेमचंद बोरा, सहायक कार्यकारी अभियंता लक्ष्मीकांत वर्मा और कंपनी के निदेशक पवन बैद के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। महेंद्र चौहान को असम के मालीगांव स्थित एनएफआर मुख्यालय से जबकि दो अन्य भूपेंद्र रावत और इंद्र सिंह को देहरादून से गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काम करते हैं।

आपको बता दें कि रविवार को सीबीआई ने देश के पांच राज्यों में छापेमारी की है। उनमें उत्तराखंड भी शामिल है। राजधानी दून में सीबीआई की दिल्ली से आई टीमों ने रेलवे अधिकारियों के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कार्रवाई की। एसपी सीबीआई पाणिग्रह ने इस रेड की पुष्टि की है। मामला 1 लाख दो लाख या 50 लाख का नहीं बल्कि 1 करोड़ की रिश्वत लेने का है। बता दें कि सीबीआई ने रेलवे के एक वरिष्ठ इंजीनियर को एक करोड़ की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया ये खबर सुन खबर सुन हर कोई हैरान है।

आज तक छोटी मोटी रिश्वत लेते लोगों ने देखा या सुना था लेकिन यहां तो मामला करोड़ का है। बता दें कि इंजीनियर का नाम महेंद्र सिंह है जिसे सीबीआई की टीम ने 1 करोड़ रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. सिर्फ महेंद्र सिंह को ही नहीं बल्कि दो अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई ने पांच राज्यों की करीब 20 लोकेशन पर छापेमारी की है.केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) दिल्ली, असम, उत्तराखंड और दो अन्य राज्यों में 20 स्थानों पर छापेमारी की।

जानकारी मिली है कि महेंद्र सिंह 1985 बैच के अधिकारी हैं और उन्हें सीबीआई ने रंगे हाथों एक करोड़ की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने 1 करोड़ रुपए भी सीबीआई ने बरामद कर लिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारी रेलवे में काम दिलाने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा था।

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