देहरादून: उत्तराखंड में 11 मई से 18 मई तक पूरे प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है। इसके लिए नई गाईडलाई जारी की गई है। इसके अनुसार जहां उत्तराखंड आने के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। साथ ही स्मार्ट सिटी के पोर्टल में रजिस्ट्रेशन भी करना होगा। इसके अलावा कोरोनाकाल में पहाड़ों की ओर लौट रहे प्रवासियों को ग्राम पंचायत के क्वारंटाइन सेंटर में रखेगा। जहां उन्हें सात दिन तक आइसोलेशट किया जायेगा। क्वारंटीन केंद्र की सुविधाओं के लिए सरकार ग्राम पंचायतों को पैसा देगी। बता दें उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में सबसे ज्यादा आवागमन हो रहा है। इससे पहाड़ में कोरोना फैलने की गति काफी तेज हो रही है। ऐसे में सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए जिलों की सीमा पर स्थित चेकपोस्ट में इस प्रावधान तैयार किया है, जहां नियमों का कड़ाई से पालन किया जाय।

अब बस व टैक्सी के चालक और परिचालक एवं हेल्पर के लिए भी 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। यही नहीं उत्तराखंड के मैदानी भागों से भी लोग लगातार पहाड़ों को पलायन कर रहे हैं इससे पहाड़़ी जिलाों में मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। सरकार ने इसे रोकने के लिए अब सबसे ज्यादा प्रभावित हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल पौड़ी, देहरादून जिलों के मैदानी भागों से पहाड़ जाने वालों के लिए आरटीपीसीआर अथवा रैपिड एंटीजन टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। बिना निगेटिव रिपोर्ट के आप इन जिलों से पहाड़ नहीं जा पायेंगे।

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