अल्मोड़ा: पलायन का मूल कारण हमेशा पहाड़ी, गांवों के लोग खाली होते जा रहे हैं क्योंकि लोग रोजगार की तलाश में शहरी क्षेत्रों में चले गए हैं। अगर उन्हें आत्मनिर्भर बनना है तो उन्हें विभिन्न विचारों को खोजने की जरूरत है जो इस प्रकार की समस्याओं को रोक सकते हैं। और अब कोरोना महामारी के बाद युवा इस बात को समझने लगे हैं। अब वे नई विचारधाराओं की तलाश कर रहे हैं जो उन्हें आमदनी दे सकें और उन्हें रोजगार के लिए खुद को महानगर में ले जाने की जरूरत नहीं है। ऐसे ही उग्रवादी युवकों में पिथौरागढ़ के रहने वाले तिलक पंत और उनके भाई ललित पंत भी शामिल हैं।


हाल ही में सोशल मीडिया में एक खबर वायरल हुई कि दो भाइयों ने पलायन की इस चुनौती का मुकाबला करने का साहस किया है। दोनों ने पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय में सेलर्स नविक ब्रांड नाम से आइसक्रीम उद्योग की स्थापना की। उनके जिले में ही नहीं बल्कि चंपावत और अल्मोड़ा जैसे अन्य जिलों में भी आइसक्रीम का कारोबार फलफूल रहा है| वहां कंपनी को सालाना 1.5 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी हुई थी। साथ ही 20 लोगों को रोजगार भी दिया गया है, भाइयों के नाम तिलक पंत और ललित पंत हैं।

इन दोनों ने कई काम किए हैं तिलक ने भारतीय नौसेना में एक इंजन मैकेनिक के रूप में काम किया है। उन्होंने दिल्ली से रिटेल मैनेजमेंट का कोर्स भी किया है। मुंबई चौपाटी में कुल्फी का धंधा देखकर उन्होंने 9 साल पहले घर से ही राबड़ी कुल्फी बनाने की अपनी कंपनी शुरू करने का फैसला किया| उद्योग विभाग ने भी उनकी मदद की और जब कुल्फी की मांग बढ़ने लगी तो वे कई तरह की आइसक्रीम बनाने लगे। उन्होंने 4 साल तक अकेले काम किया। बाद में उन्होंने अपने छोटे भाई ललित को भी इस धंधे में शामिल कर लिया।

दोनों भाई वहां अपना कारोबार संभाल रहे हैं तिलक प्रोडक्शन का काम संभालते हैं, जबकि उनके भाई ललित मार्केटिंग का काम देखते हैं। आज कंपनी अपने कारखाने में 25 से अधिक प्रकार की आइसक्रीम बड़े पैमाने पर बना रही है। अन्य जिलों में भी आइसक्रीम बेचने वालों की भारी मांग है। यही कारण है कि तिलक और ललित पंत अब उद्योग के विस्तार की कवायद में लगे हैं। इसका उद्देश्य वहां के ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बनाना और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है ताकि लोगों को पलायन की जरूरत न पड़े।

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