देहरादून: लंबित मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज पांच राज्य आंदोलनकारी निवान की शीशी लेकर सुबह चार बजे कलेक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक परिसर में पेड़ और छत पर चढ़ गए। कहा कि मांग पूरी होने के बाद ही उतरेंगे। वहीं, विभिन्न संगठनों से जुड़े राज्य आंदोलनकारी भी परिसर में धरना दे रहे हैं।

आज सुबह पुलिस को सूचना मिलने के बाद काफी संख्या में पुलिस बल परिसर में तैनात है। सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने भी परिसर में पहुंचकर शासन से वार्ता कराने का आश्वासन दिए, लेकिन राज्य आंदोलनकारी मांग पूरी करने को लेकर अड़े हैं। सरकारी सेवा भर्ती में 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण, कार्ड धारकों को पेंशन दी जाए और चिहि्नत आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन दी जाए।

इस दौरान जगमोहन सिंह रावत उत्तरकाशी भटवाड़ी, देवेश्वरी देवी पौड़ी, रीना देवी चौहान पौड़ी, यशोदा रावत पौड़ी शहीद स्मारक में बने भवन की छत पर हैं, जबकि पौड़ी के थैलीसैंड की संपत्‍ति देवी पेड़ पर चढ़ी हैं। आंदोलनकारी सावित्री नेगी ने कहा कि सरकार ने अब तक उनकी मांगों को अनसुना किया, जिसके चलते इस तरह का रास्ता अपनाया गया है। चिहि्नत राज्य आंदोलनकरी मंच की प्रदेश महासचिव बीरा भंडारी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारि‍यों की मांग पर सरकार ध्यान नही दे रही है। लंबे समय से एक समान पेंशन की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार किसी को 15 हजार, पांच हजार और 3100 रुपये दी जा रही हैं।

आंदोलनकारी भूमा रावत ने कहा कि बीते गुरुवार को सरकार ने आश्रितों के लिए पेंशन का शासनादेश जारी किया है, लेकिन जो मांग की जा रही है उस पर सिर्फ आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा कि कल दो अक्टूबर को मुजफ्फरनगर कांड की बरसी पर सभी परिसर में एकजुट होंगे। छत और पेड़ पर चढ़े पांचों राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड राज्य निर्माण चिहि्नत आंदोलनकारी मंच से जुड़े हैं।

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