देहरादून: सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मुहैया कराने के लिए खोले गए अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां नियमानुसार अंग्रेजी माध्यम होने के चलते छात्र-छात्राओं के लिए अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें भेजी जानी चाहिए थी, लेकिन यहां हिंदी माध्यम की किताबें भेज दी गई है।

सरकार ने राजकीय इंटरमीडिएट स्कूलों में उच्च श्रेणी की शिक्षा देने के लिए अटल उत्कृष्ट स्कूलों की शुरूआत की है, जिसका उद्देश्य सरकारी विद्यालयों से अंग्रेजी शिक्षा के लिए हो रहे छात्र-छात्राओं के पलायन को रोककर उन्हें सरकारी विद्यालयों में ही अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मुहैया कराना था, जिसके लिए सरकार ने प्रदेश में सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार अंग्रेजी शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रत्येक ब्लाक में दो-दो अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोलने का निर्णय लिया। इसी क्रम में सरकार ने प्रदेश के 188 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की, जिसमें समग्र शिक्षा अभियान के तहत कक्षा 6 से 8 तक और कक्षा 9 से 12 के एससी-एसटी के छात्र-छात्राओं को निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराने का प्राविधान है, लेकिन अंग्रेजी की जगह हिंदी माध्यम की पुस्तकें आने से छात्र-छात्राओं को पुस्तकें नहीं मिल पाई है।

हिंदी मीडियम की किताबें आई थी, जो कि पूरी नही थीं। बच्चो में बांट दी गई है। इस संबंध में खंड शिक्षाधिकारी के यहां आपत्ति दर्ज की जा रही है।
-चतर सिंह चौहान, प्रधानाचार्य, अटल उत्कृष्ट विद्यालय पुरोला। 

मैने अभी नई ज्वाइनिंग ली है। इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नही है। अगर इन अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में हिंदी मीडियम की पुस्तकें भेजी गई है, तो गलत है। इसका पता किया जाएगा।

सीएन काला, मुख्य शिक्षा अधिकारी, उत्तरकाशी।

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