देहरादून: प्रदेश के स्कूलों में स्कूलों में वेद, उपनिषद और गीता की भी शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए आम लोगों से सुझाव लिए जाएंगे। ये बात शिक्षा मंत्री डा. धनसिंह रावत ने शनिवार को दून विवि में बाल आयोग की ओर से आयोजित परीक्षा पर्व-4 कार्यक्रम में कही। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, परीक्षा से पूर्व बच्चों को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिया जाना जरूरी है। इसके लिए अभिभावकों को भी जागरूक करना होगा।

बच्चों को समझाना होगा कि परीक्षा एक उत्सव है, लिहाजा किसी  भी परीक्षा को एक पर्व की तरह लिया जाना चाहिए। डॉ. रावत ने कहा कि, सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाओं से पहले मासिक परीक्षाओं से बच्चों को मुख्य परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाए। ब्लॉक स्तर पर भी बच्चों को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिये जाने की व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें आयोग के सदस्य अहम भूमिका निभा सकते हैं। वहीं, उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में पीटीए का गठन अनिवार्य कर दिया गया है।

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