बागेश्वर: उत्तराखंड के बागेश्वर के क्लास 8 की छात्रा के सामने पढ़ाई को लेकर अजब संकट है। यहां उसके ही घर वाले उसकी किताबें जला देते हैं। परेशान होकर छात्रा ने शिक्षाधिकारियों से समस्या के निस्तारण की मांग की है।

बबीता कालाकोटी पढ़ना चाहती है। उसके माता-पिता और बुआ मानसिक रोगी है। उन्होंने उसकी किताबें आदि जला दी हैं। बालिका ने मुख्य शिक्षाधिकारी को पत्र लिखा और पढ़ाई के लिए मदद की गुहार लगाई है। कहा कि यदि उसे शिक्षा विभाग से मदद नहीं मिली तो उसका जीवन अंधकारमय हो जाएगा।

सोमवार को पुंगरघाटी के कमद गांव निवासी बबीता पुत्री हीरा सिंह कालाकोटी ने मुख्य शिक्षाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। कहा कि वह कक्षा आठ की छात्रा है। वर्तमान में बालिका इंटर कालेज दोफाड़ में पढ़ रही है। घरेलू परेशानी के कारण वह विद्यालय में चार या पांच दिन ही जा पाती है। उसके माता-पिता मानसिक रूप से बीमार हैं। उसका पालन पोषण स्व. दादी कुसमा देवी ने किया।

उन्हें पारिवारिक पेंशन मिलती थी। लेकिन चार माह पूर्व उनका देहांत हो गया है। वह अपनी बुआ के साथ रहती है। लगभग एक माह से बुआ की मानसिक स्थिति भी अत्यधिक खराब चल रही है। उनके परिवार में कोई भी सदस्य स्वस्थ्य नहीं है। जिससे उसका पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है। वह पढ़ना चाहती है और उसे कस्तूरबा गांधी आवसीय विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाए। उसके पास बीपीएल कार्ड भी नहीं है।

बीते दिनों उसके स्वजनों ने उसके कापी, किताब, कपड़े आदि भी जला दिए हैं। उसे कमरे में बंद कर दिया जाता है और कभी वह रात को भी अकेले रहती है। जिससे उसके जीवन को खतरा है।

इधर, पुंगरघाटी विकास मंच के संयोजक हरीश कालाकोटी, एडवोकेट राजेश रौतेला आदि ने जिला प्रशासन से बेटी की सुरक्षा और पठन-पाठन के लिए उचित व्यवस्था करवाने की मांग की है।

मुख्य शिक्षाधिकारी गजेंद्र सिंह सौन ने कहा कि बालिका को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा। उनके ननिहाल के लोगों को बुलाया गया है। ताकि अवकाश के दिनों में बच्ची उनके पर रह सकेगी।

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