मुनस्यारी: खलियाटाप में ट्रैकिंग के दौरान लापता हुए बरेली के दोनों पर्यटकों को बुधवार को बिर्थी क्षेत्र से सकुशल निकाल लिया गया। दोनों को पैदल मार्ग से सड़क तक लाकर तेजम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चिकित्सक दोनों के स्वास्थ की जांच कर रहे हैं। युवा पर्यटकों की सकुशल बरामदगी से प्रशासन ने राहत की सांस ली है।

बरेली से मुनस्यारी पहुंचे युवक संतोष कुमार और विशाल गंगवार शनिवार को खलियाटाप ट्रैक पर घूमने के लिए चले गए। वापसी में घने कोहरे के चलते वे मुनस्यारी की ओर उतरने की जगह विपरीत दिशा वाली ढलान पर उतरक बिर्थी झरने के टॉप पर पहुंच गए। आबादी विहीन जंगली इलाके में दोनों युवक भटक गए।

देर रात तक दोनों के वापस नहीं लौटने पर होटल स्वामी ने इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दी। क्षेत्र के रेस्क्यू विशेषज्ञ सोनू निखुर्पा की अगुवाई में बृजेश धर्मशक्तू, भूप्पी पांगती, त्रिलोक राणा, चंद्र सिंह, त्रिलोक कोरंगा ने रात में ही सर्च अभियान शुरू किया। लेकिन रविवार और इतवार को खोजबीन के बाद भी युवकों का कोई सुराग नहीं लग सका।

48 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी युवकों का पता नहीं लगने पर प्रशासन भी सकते में आ गया। उपजिलाधिकारी बीएसस फोनिया को खुद सर्च आपरेशन की कमान संभालनी पड़ी। मंगलवार की अपराह्न को युवकों को बिर्थी झरना क्षेत्र के ऊपरी इलाके में खोज निकाला गया। युवक संतोष गंगवार की हालत खराब थी। सड़क से काफी दूर इस क्षेत्र से स्ट्रैचर तैयार कर संतोष और उसके साथी को बुधवार को बिर्थी सड़क तक लाया गया। यहां से वाहन के जरिए दोनों को तेजम अस्पताल लाया गया। चिकित्सकों दोनों के स्वास्थ की जांच में जुटे हैं। दोनों का स्वास्थ फिलहाल खतरे से बाहर बजाया गया है।

लापता हुए दोनों युवाओं की लोकेशन सर्विलांस की मदद से ट्रेस हो पाई। युवाओं के फोन सर्विलांस में लगाए गए थे, जिससे उनकी लोकेशन बिर्थी के ऊपरी क्षेत्र में मिली। इसके बाद युवाओं के फोन की बैटरी खत्म हो गई और वे सर्विलांस से ट्रेस स्थल से आगे बढ़ गए। टीम जब चिहिंत स्थल पर पहुंची तो युवा वहां नहीं मिले।

खलियाटॉप क्षेत्र में पिछले एक पखवाड़े के दौरान पर्यटकों के लापता होने की दो घटनाएं हो चुकी हैं। पहली घटना में महाराष्ट्र के दो पर्यटक खलियाटॉप से नीचे उतरने के दौरान विपरीत दिशा में उतर जाने से भटक गए थे। इनकी खोजबीन के लिए प्रशासन को सर्च अभियान चलाना पड़ा था।

महाराष्ट्र के पर्यटक भी बरेली के पर्यटकों की तरह ही मौसम खराब होने से मार्ग का सही अंदाज नहीं लगा सके थे। रेस्क्यू विशेषज्ञ सोनू निखुर्पा ने कहा है कि क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के साथ गाइड को अनिवार्य रूप से भेजा जाए। इससे स्थानीय लोगाें को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

सकुशल अस्पताल तक पहुंच जाने के बाद संतोष कुमार और विशाल गंगवार के चेहरे पर खासा संतोष दिखा। दोनों ने बताया कि खलियाटाॅप से वापस लौटने के दौरान उनके बैग में जंक फूड के कुछ पैकेट के साथ ही थोड़ से ड्राइ फ्रूटस और नट्स थे। कुछ टॉफिया भी उन्होंने अपनी जेब में रखी थी।

शनिवार और रविवार को दिन उन्होंने इसकी सहारे गुजारा। सोमवार और मंगलवार को रेसक्यू टीम के उनके पास पहुंचने तक उन्होंने पानी पीकर समय गुजारा। पास में लाइटर था जिससे उन्होंने रात में लकड़ियां जलाकर ठंड और जंगली जानवराें से खुद को बचाया। रेस्क्यू टीम ने दोनों के मिलने के बाद उन्हें फल खिलाए। जिससे दोनों को थोड़ी राहत मिली।

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