मुंबई/नई दिल्ली : महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे होंगे। एकनाथ शिंदे सीएम पद की शपथ आज ही लेंगे। इसका एलान भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने किया। एकनाथ शिंदे ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से उनके आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद दोनों नेता राज्यपाल से मिले। राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश किया। बुधवार रात को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में घोषणा की कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे। शपथ समारोह आज शाम 7.30 बजे होगा। फडणवीस ने संवाददाता सम्मेलन में अघाड़ी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार में इस कदर भ्रष्टाचार था कि दाउद से संबंध उजागर होने के बावजूद मंत्री को पद से नहीं हटाया। उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदुत्व की रक्षा करने के लिए शिंदे गुट के साथ जा रही है। भाजपा एकनाथ शिंदे को समर्थन देगी। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम होंगे। एकनाथ शिंदे सीएम पद की शपथ लेंगे।
उन्होंने कहा कि 2019 में भाजपा और शिवसेना साथ में चुनाव लड़ी। पीएम मोदी जी के नेतृत्व में हमें पूर्ण बहुमत मिला। पीएम ने चुनाव के दौरान BJP के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की और वो नाम सबको मंजूर भी था। लेकिन चुनाव के बाद शिवसेना के नेताओं ने निर्णय किया कि बालासाहेब ठाकरे जी ने जिन विचारों का जीवन भर विरोध किया ऐसे लोगों के साथ उन्होंने गठबंधन किया. इसके बाद हमने ढाई साल में एक सरकार देखी जिसमें न कोई तत्व, न कोई विचार और न गति थी। वो लोग चालू इंफ्रास्ट्रक्चर को बंद कर रही थी. वो लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त थे।
फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने मांग की कि हम कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं रह सकते और ये गठबंधन खत्म किया जाए लेकिन इनकी मांग पूरी नहीं हुई इसलिए इन विधायकों ने अपनी आवाज बुलंद की। महाराष्ट्र के मनोनीत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना के 40 विधायक और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर 50 विधायक आज एक साथ हैं। हम लोग हमारे शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे जी की हिंदुत्व की जो भूमिका है उसको आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम अपने निर्वाचन क्षेत्र की शिकायतों और विकास कार्यों के लिए पूर्व सीएम ठाकरे के पास गए और उन्हें सलाह दी कि सुधार की आवश्यकता है। हमें यह एहसास होने लगा था कि हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा। तभी हमने भाजपा के साथ स्वाभाविक गठबंधन की मांग की थी।