नगांव : फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री में मां काली के पोस्टर का विवाद (Kaali Poster Controversy) सामने आने के बाद असम के नगांव में भी एक मामला सामने आया है। नुक्कड़ नाटक में भगवान शिव की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। उस पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
I agree with you @NavroopSingh_ that
Nukad Natak on current issues is not blasphemous. Dressing up is not a crime unless offensive material is said.
Appropriate order has been issued to @nagaonpolice https://t.co/Fivh7KMX5L— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 10, 2022
मामले में असम के सीएम का कहना है कि जब तक कुछ आक्रामक नहीं कहा जाता है, तब तक सिर्फ इस तरह के कपड़े पहनना कोई अपराध नहीं है। इस संबंध में उन्होंने नगांव पुलिस को पत्र भी जारी किया है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा ने ट्वीट किया, ‘मैं आपसे सहमत हूं कि मौजूदा मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक ईशनिंदा नहीं है। जब तक आपत्तिजनक सामग्री नहीं कही जाती है, तब तक कपड़े पहनना कोई अपराध नहीं है. नगांव पुलिस को उचित आदेश जारी किया गया है।
इससे पहले रविवार को सदर पीएस इंचार्ज मनोज राजवंशी ने कहा, ‘भगवान शिव के वेश में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे अदालत में पेश किया जाएगा। 2 अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को लेकर बिरिंची बोरा और उनकी सहयोगी ने भगवान शिव और देवी पार्वती जैसी वेशभूषा बनाई और बुलेट पर घूमने लगे। मीडिया रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि इनका उसी वेश में धूम्रपान करते वीडियो भी वायरल हुआ, जिसके बाद ये मामला चर्चा में आया। बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े लोगों ने बिरिंची के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं के तहत केस दर्ज करवा दिया।
दरअसल ये पूरा मामला फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई से भी जोड़कर देखा जा रहा है। फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई ने 2 जुलाई को अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म का पोस्टर शेयर किया था। काली नाम की डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर में हिंदू देवी के फिल्मी पात्र को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था। साथ ही, पोस्टर में मां काली के एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा दिखाया गया है।
फिल्म के पोस्टर पर हो रहे विवाद पर फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई ने ट्वीट करके अपना पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि फिल्म उन घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती हैं जो उस शाम की है जब काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर टहलती हैं।
डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ की डायरेक्टर लीना मणिमेकलाई ने 2002 में शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री मथप्पा से अपनी फिल्मी सफर को शुरू किया। साल 2011 में लीना की पहली फीचर फिल्म सेंगडल रिलीज हुई थी। धनुष्कोडी के मछुआरों पर यह फिल्म बनी थी. जिनका जीवन श्रीलंका में एथनिक वॉर की वजह से बहुत प्रभावित हो रहा था। फिल्म को लेकर काफी बवाल भी हुआ था। उन्हें कानूनी लफड़े में भी फंसना पड़ा था। लीना मणिमेकलाई फिल्ममेकर के साथ-साथ कवियित्री और एक्ट्रेस भी हैं। उन्होंने कई डॉक्यूमेंट्री, फिक्शन और एक्सपेरिमेंटल पोयम फिल्में बनाई हैं।