देहरादून: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से हल्द्वानी का सफर भी सुगम होने जा रहा है। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों की लाइफ लाइन ज्योलीकोट से कर्णप्रयाग तक डबल लेन सड़क बनाने की मंजूरी भी मिल गई है।

राज्य के पर्वतीय हिस्सों को जोड़ने वाली ज्योलीकोट – कर्णप्रयाग मोटर मार्ग अभी सिंगल लेन है। लगभग 235 किमी लंबी इस सड़क को डबल लेन चार चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में खैरना से काकड़ीघाट तक लगभग 10 किमी सड़क का चौड़ीकरण का काम भी पूरा कर लिया है।

वहीं, ज्योलीकोट से खैरना तक वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लोनिवि ने काकड़ीघाट से क्वारब-कर्णप्रयाग तक डबल लेन सड़क का सर्वे जून, 23 तक पूरा करने का निर्णय लिया है। इस सड़क के चौड़ीकरण से जहां दोनों मंडलों की दूरी घटेगी और सफर और सुगम होगा।

इस सड़क के बनने से भविष्य में गैरसैंण के भी राजधानी बनने की संभावनाओं को बल मिलेगा। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक ऑलवेदर के तहत डबल लेन सड़क पहले भी बन चुकी है, जबकि अब ज्योलीकोट से कर्णप्रयाग तक डबल लेन बनने के बाद कुमाऊं मंडल की गैरसैंण से कनेक्टिविटी मजबूत हो जाएगी। इससे दोनों मंडल के बीच व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

इस मार्ग पर दो स्थानों पर दो-दो किमी की दो टनल प्रस्तावित हैं। एक टनल द्वाराहाट और दूसरी पांडुवाखाल में बननी प्रस्तावित है। प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने इसकी डीपीआर अक्तूबर-22 तक जमा करने के निर्देश दिए हैं।

ज्योलीकोट (नैनीताल) से कर्णप्रयाग तक लगभग 235 किमी अभी सिंगल लेन ही सड़क है। चार चरणों में इसका चौड़ीकरण का काम प्रस्तावित है। इसके बनने से गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की कनेक्टिविटी और आसान हो जाएगी।
आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव, लोनिवि

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