देहरादून: दुनिया भर में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत में मंकीपॉक्स के कई मामले सामने आए हैं. वहीं एक मरीज की मंकीपॉक्स के कारण मौत भी हो गई है। इसी को देखते भारत के तमाम राज्यों में स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया है। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे (looming fear of Monkeypox) के देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) ने उत्तराखंड के सभी जिलाधिकारी और सीएमओ को अलर्ट करने को कहा है।

मंकीपॉक्स को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से उत्तराखंड को अलर्ट किया गया है। इसको लेकर कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। बता दें कि भारत में भी अब तक मंकीपॉक्स वायरस के 4 मरीज मिल चुके हैं। हालांकि इसी बीच एक राहत की खबर यह भी है कि एक मरीज इस संक्रमण से ठीक हो गया है। लेकिन वहीं केरल के एक 22 साल के मंकीपॉक्स संक्रमण से संक्रमित मरीज की मौत हो गई है. देश में इस संक्रमण के चलते यह पहला मामला है, जिसमें कि मरीज की मौत हो गई है।

 

इसी बीच मंकीपॉक्स खतरे को लेकर एक्सपर्ट चिंता जता रहे हैं।एक्सपर्ट का कहना है कि दुनिया भर में इस वक्त मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है। अपने देश में भी इसके मामले सामने आए हैं।ऐसे में इससे बचाव और सावधानी बेहद जरूरी है। कुछ चीजों का ध्यान रखकर हम इसके खतरे से बचे रह सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि मंकीपॉक्स कोरोना जैसी बीमारी नहीं है। मंकीपॉक्स वायरस एक डीएनए वायरस है, जिसकी अच्छी बात यह है कि यह अपना रंग-रूप नहीं बदलता है। जबकि कोविड अपना रंग-रूप बदलता आया है।

एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरीके से कोरोनावायरस फैलता है वैसे मंकीपॉक्स वायरस नहीं फैलता। एक्सपर्ट का मानना है कि मंकीपॉक्स वायरस कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन इसको लेकर लापरवाह होना भी खतरनाक हो सकता है। इसके लिए सावधानी और कुछ एहतियाती कदम अगर उठाए जाएं तो आप इस संक्रमण से बचे रह सकते हैं।

मंकीपॉक्स वायरस पहले अफ्रीकन देशों में मंकीस में देखा जाता था। इसीलिए इसे मंकीपॉक्स वायरस का नाम दिया गया। इस वायरस का जींस जिसे ऑर्थोपॉक्स वायरस के नाम से जाना जाता है, यह स्मॉल पॉक्स से भी बिलॉन्ग करता है। ऐसे में वह लोग यह जरा भी ना सोचें कि जिन्हें पहले स्मॉलपॉक्स या चिकनपॉक्स हो गया है, वह इस बीमारी से संक्रमित नहीं हो सकते या उनके लिए इसका खतरा नहीं है. हालांकि, इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।

यदि आपको बुखार आ रहा है, आपके शरीर पर हल्के या बड़े दाने निकल रहे हैं या फिर थकावट, शरीर पर रेशेज होना, यह इसके महत्वपूर्ण लक्षण हैं। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और लोगों से दूरी बनाना शुरू कर दें। ऐसे लक्षण पाए जाने पर तुरंत ही इसकी जांच करवाएं।

मंकीपॉक्स से बचाव के लिए कुछ तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जिन लोगों की त्वचा पर दाने या मंकीपॉक्स जैसे कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उनसे दूरी बनाएं. ऐसे लोगों की स्किन को न छुएं। इनके साथ गले मिलना या यौन संबंध बनाने से संक्रमण फैल सकता है। इस बीमारी के संदिग्ध मरीजों के साथ खाना न खाएं। कुछ दिनों के लिए उनके बर्तन इस्तेमाल न करें।

इसके साथ ही आप पिछले 3 साल से कोरोनावायरस से बचाव के लिए जो जरूरी उपाय कर रहे हैं, वह उपाय भी अपना सकते हैं।इसमें आप बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोएं. सैनिजाइजर का इस्तेमाल करें। सोशल डिस्टेंस का पालन करें. गले न मिलें और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। दूसरों के कपड़े और बिस्तर का इस्तेमाल भी ना करें।

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