देहरादून: शिक्षा विभाग के लाख कोशिशों के बाद भी अध्यापक पहाड़ पर ड्यूटी ज्वाइन करने से बच रहे है। ऐसा ही एक ताजा मामला पौड़ी जिले के थलीसैंण ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बग्वाड़ी में सामने आया, जिसमें टीचर की जगह एक गांव की लड़की बच्चाें को स्कूल में पढ़ा रही थी। प्रधानाध्यापिका ने अपने स्थान पर ढाई हजार रुपए महीने में गांव की एक लड़की को स्कूल में रख दिया। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापिका का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं।

मंगलवार को सीईओ डा. आनंद भारद्वाज ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बग्वाड़ी का औचक निरीक्षण किया था। डा. भारद्वाज ने बताया कि, औचक निरीक्षण में पाया गया कि यहां तैनात प्रधानाध्यापिका शीतल रावत ने अपने स्थान बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव की ही कुमारी मधु रावत को रखा है। उनकी ओर से मधु को ढाई हजार रुपए महीने देने की बात भी सामने आयी है।

प्रकरण को बेहद गंभीर बताते हुए सीईओ ने प्रधानाध्यापिका के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। उप शिक्षाधिकारी थलीसैंण को इस प्रकरण की विस्तृत जांच कर प्रधानाध्यापिका का स्पष्टीकरण देने को कहा है। सीईओ ने कहा कि जब तक औचित्यपूर्ण स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता है तब तक प्रधानाध्यापिका के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक रहेगी।

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