देहरादून: बिन्दुखत्ता में प्रतिदिन औसतन 5 परिवार कपकोट के इलाक़े से अपना राशन कार्ड ट्रान्स्फ़र करा रहे है, मतलब बिन्दुखत्ता में अपना घर बना रहे है ।

ऐसा ही ट्रेण्ड बरेली रोड की तरफ़ द्वाराहाट, रानीखेत, चौखुटिया और शीतलाखेत के आसपास के लोग अपना निवास बना रहे है । डीडीहाट, थल और बेरीनाग वालों का ट्रेण्ड छड़ायाल से लेकर चकुलुवा की तरफ़ देखने को मिल रहा है ।

ये आँकड़े ज़िला पूर्ति कार्यालय में राशन कार्ड ट्रान्स्फ़र के ट्रेण्ड को देखकर ये आँकड़े जुटाए है ? प्रॉपर्टी डीलर भी एक सूचकांक है इस ट्रेण्ड को पता लगाने का ? वैसे सुविधाजनक स्थान पर निवास करने का सबको अधिकार है ?

अब सुविधाजनक स्थान की बात चली है, तो क्या नैनीताल शहर सुविधायुक्त स्थान नहीं है ? ये सवाल इसलिए पूछ रहा हूँ, क्योंकि हाई कोर्ट शिफ़्टिंग की प्रक्रिया चल रही है ? 7 हज़ार करोड़ रुपये खर्च करके हाई कोर्ट की व्यवस्था नैनीताल में जुटायी थी, और अब नए सिरे से मैदानी इलाक़े में ये सब व्यवस्था करनी पड़ेंगी ?

पता नहीं हिमाचल प्रदेश के लोगों ने कैसे अपनी राजधानी व हाई कोर्ट पहाड़ों में बनाया ?

अगर 13 ज़िलों में स्थापित संस्थाएँ, संस्थान, सिडकुल, अभिकरण और उपकरण साढ़े 3 ज़िलों ( नैनीताल का मैदानी क्षेत्र, ऊ सिंग नगर, हरिद्वार व देहरादून ) में स्थापित कर दोगे तो जनता तो सुविधापरख स्थान की तरफ़ आकर्षित होगी ?

हाई कोर्ट को ग़ैरसैण में स्थापित किया जाना चाहिए ? कर्णप्रयाग तक रेल पहुँचने वाली है, तो कनेक्टेवीटी की परेशानी भी नहीं होगी और कर्णप्रयाग से ऋषिकेश तक फ़ोरलेन रोड भी है ?

आस्ह्चर्यजनक रूप से प्रदेश का कोई भी नेता या पत्रकार इस विषय पर कुछ बोल नहीं रहा है या शायद विज़न ही नहीं है ? उत्तराखंड की राजनीति के भीष्म पितामह हरीश रावत जी पुष्कर धामी जी की सुबह सैर करने वाली नौटंकी पर टिप्पणी कर रहे है, परन्तु इस विषय पर कुछ नहीं बोल रहे है ?

नए नवेले विधायक बने लोग अभी शायद रोज़ अपने विधायकी के प्रमाण पत्र को देखकर विश्वास नहीं कर पा रहे है की जनता ने उन्मे ऐसा क्या देखा की उनको इतना प्यार दिया ? जागो मेरे साथियों जागो ? कुछ करो वरना उत्तराखंड के लिए आनेवाला समय बहुत कठिन हो जाएगा ?

आनंद रावत पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस उत्तराखंड

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