हरिद्वार : रुड़की क्षेत्र में पुलिस ने संवेदनहीनता की हदें पार कर दी। एक महिला अपने पति की तलाश में भटकती रही और लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज नहीं की।

जबकि उसी शाम पति का शव रेलवे ट्रैक से मिल गया और पुलिस ने 72 घंटे बाद लावारिस के तौर पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। छह दिन बाद कपड़ों से पहचान होने पर आनन-फानन में गुमशुदगी दर्ज कर अपनी लापरवाही पर पर्दा डाल दिया गया। एसएसपी अजय सिंह ने मामले पर जांच बैठाते हुए एसपी देहात से तीन दिन में रिपोर्ट तलब की है।

रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र निवासी परमजीत कौर ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर बताया कि 20 अक्टूबर को वह अपने पति हरीश चांदना की गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए कोतवाली गंगनहर गई थी। आरोप है कि पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज नहीं की। जिसके बाद वह अपने स्तर से पति की तलाश करती रही।

कोई सुराग न मिलने पर 26 अक्टूबर को वह फिर गंगनहर कोतवाली पहुंची। तब पुलिस ने उन्हें 20 अक्टूबर को रेलवे ट्रैक पर मिले शव के फोटो और कपड़े दिखाए। जिसे देखते ही महिला की चीख निकल पड़ी। शव उसके पति का था। पुलिस ने बताया कि 72 घंटे बीतने पर लावारिस में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इससे महिला के सिर पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा हो।

बताया गया है कि इसके बाद पुलिस ने खानापूर्ति के लिए उसके पति की गुमशुदगी दर्ज कर ली। शिकायत मिलने पर एसएसपी अजय सिंह ने नाराजगी जताते हुए जांच बैठा दी।

एसपी देहात से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि जांच में जिस-जिस पुलिसकर्मी की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

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