देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। पांच दिसंबर तक चलने वाले सत्र में कानून व्यवस्था से जुड़े अंकिता हत्याकांड और केदार भंडारी प्रकरण के अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) परीक्षा घोटाले पर हंगामा होने के आसार हैं।

विधानसभा में धरने पर बैठे विधायक तिलकराज बेहड़
उधर, सत्र शुरू होने से पहले ही किच्छा में कानून व्यवस्था को लेकर विधायक तिलकराज बेहड़ विधान सभा में धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि किच्छा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। गुंडा गर्दी से लोगों में खौफ का माहौल है। किसानों का शेषण हो रहा है। सरकार को इस पर एक्शन लेना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सभी दलों के विधायकों से सदन की गरिमा बनाने के लिए शब्दों और आचरण का ध्यान रखने की अपील की। साथ ही शांतिपूर्ण माहौल में जनहित के मुद्दों पर स्वस्थ चर्चा कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का आग्रह किया।

विधानसभा अध्यक्ष ने 228 कर्मियों को बर्खास्त करने के बाद स्टाफ की कमी के सवाल पर कहा कि वर्तमान में विधानसभा सचिवालय में 182 कर्मचारी तैनात हैं। सदन चलाने के लिए अनुभवी टीम है। जिन्हें 2000 से सदन चलाने का अनुभव है। मुझे अपने स्टाफ पर पूरा विश्वास है कि शीतकालीन सत्र भी अच्छे ढंग से चलेगा। स्पीकर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 120 कर्मचारी हैं और 69 विधायक हैं। वहां भी सदन संचालित होता है।

इन प्रमुख मुद्दों पर हंगामे के आसार 

1. अंकिता हत्याकांड
2.यूकेएसएसएससी भर्ती
3. विधानसभा में बैकडोर भर्ती
4.अलग-अलग विभागों में भर्ती घोटाले
5. गैरसैंण में सत्र कराने की मांग
6. कांग्रेस विधायकों के विशेषाधिकार हनन के मामले
7. विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने

विधानसभा सत्र के पहले दिन वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में करीब 4,867 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश करेंगे। सत्र के दौरान सरकार की ओर से अध्यादेश, विधेयक सदन पटल रखे जाएंगे। अभी तक विस सचिवालय को सरकार की तरफ से एक अध्यादेश और छह विधेयक की सूचना मिली है। शाम चार बजे सदन में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।

सरकार की ओर से शीतकालीन सत्र में कई विधेयक सदन में रखे जाएंगे, जिसमें उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को राजकीय सेवाओं में आरक्षण के लिए असरकारी विधेयक, बंगाल आगरा और आसाम सिविल न्यायालय (उत्तराखंड संशोधन और अनुपूरक उपबंध) विधेयक, उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) संशोधन विधेयक, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक, भारतीय स्टांप संशोधन विधेयक, उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक सदन में रखे जाएंगे।

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