ऋषिकेश : मोटर व्हीकल एक्ट में सजा के कई प्रावधान किए गए हैं। बाल अपराध न्यायालय ऐसे नाबालिग के 25 वर्ष आयु सीमा तक ड्राइविंग लाइसेंस बनाने पर रोक लगा सकता है। नाबालिग के दोपहिया चलाने और यातायात सुरक्षा को लेकर मुनिकीरेती पुलिस का अभियान जारी है।

इसे लेकर ओंकारानंद इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी में यातायात सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने मोटर व्हीकल एक्ट में सजा के कई प्रावधानों के बारे में बताया।  उपस्थित छात्र छात्राओं को यातायात सुरक्षा से संबंधित सभी जानकारी और कानूनी प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी गई।

प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में हुए संशोधन में धारा 199 ए के तहत दोपहिया चलाने वाले नाबालिग के संरक्षक और वाहन स्वामी पर भी कानून के तहत 25 हजार रुपये जुर्माना और तीन वर्ष सजा का प्रावधान है। इतना ही नहीं बाल संरक्षण न्यायालय ऐसे नाबालिग का 25 वर्ष आयु पूर्ण करने तक ड्राइविंग लाइसेंस बनाने पर रोक भी लगा सकता है।

यातायात निरीक्षक सिद्धार्थ कुकरेती ने बताया कि नाबालिग को दोपहिया वाहन चलाने से रोकने के लिए अभिभावक के साथ-साथ विद्यालय प्रबंधन की भी बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षण संस्थानों में दोपहिया लेकर आने वाले नाबालिग के अभिभावकों के प्रति सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है। यह काम विद्यालय प्रधानाचार्य और प्रबंधन तंत्र के लोग बेहतर कर सकते हैं। इस काम में पुलिस प्रशासन हमेशा सहयोग के लिए तैयार हैं।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में स्थित जितने भी विद्यालय हैं इन सभी को इस संबंध में विधिवत नोटिस भी जारी किए जाएंगे। पुलिस अधिकारियों की ओर से नशे में वाहन चलाने नशे की प्रवृत्ति से बचने और साइबर अपराध की भी जानकारी छात्र छात्राओं को दी गई।

 

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