जोशीमठ : रोजमर्रा के कामकाज के साथ ही आपदा प्रभावितों को रोजना नई तरह की चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। लेकिन, मुसीबतें हैं कि कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भूधंसाव से क्षतिग्रस्त हुए भवन को छोड़कर प्रभावित परिवार राहत कैंपों में रह रहे हैं।

कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके परिवार में शादी समारोह व अन्य मंगल कार्य होने थे। आपदा से उनके समारोह की तैयारी व व्यवस्थाएं भी प्रभावित हुई हैं। मजबूरन ऐसे परिवारों को सुरक्षित स्थान पर मंदिर या किसी परिचित के आवास से अपने शुभकार्य पूरे करने पड़ रहे हैं।

 

जोशीमठ के सिंहधार में रहने वाले रघुवीर सिंह कुंवर के पुत्र रोहित कुंवर की शादी वसंत पंचमी के दिन होनी तय हुई थी। रोहित की शादी दशोली विकासखंड के बौला निवासी नरेंद्र सिंह नेगी की पुत्री मेघा से तय हुई थी।

शादी की तैयारियां चल रही थी। शादी को यादगार बनाने के लिए जोशीमठ में अपने सिंहधार स्थित घर के अलावा होटल में कमरे बुक किए गए थे। लेकिन, एकाएक जोशीमठ की आपदा ने इस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ गिरा दिया।

माउंट व्यू व मलारी इन होटल के पीछे रघुवीर सिंह कुंवर का तीन मंजिला भवन भी भूधंसाव के जद में आने से उन्हें छह जनवरी से ही जोशीमठ गुरुद्वारे में बनाए गए राहत शिविर में शिफ्ट किया गया। शादी की तैयारियां पहले ही पूरी हो चुकी थी। शादी के कार्ड भी बंट गए थे। ऐसे में परिवार ने कन्या पक्ष से रायशुमारी कर निर्णय लिया कि जोशीमठ से सात किमी दूर पंर्णखंडेश्वरी राजराजेश्वरी गढ़ी भवानी मंदिर में शादी के फेर लिए जांए।

 

पंचमी के दिन कन्या पक्ष के लोग भी दुल्हन को लेकर गढ़ी मंदिर आए तथा वहां मौजूद वर पक्ष के लोगों की मौजूदगी में वर-वधू ने सात फेरे लेकर शादी की रश्में निभाई। शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन अपने पैतृक गांव सलूड़ डुग्रा गए। दूल्हा रोहित कुंवर पेशे से व्यवसायी है। उनका कहना था कि शादी की खुशियां मंदिर में यादगार बनी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here