उत्तरकाशी: रंगों और फूलों से होली खेलते हुए तो आपने लोगों को देखा ही होगा। लेकिन उत्तराखंड के इस मंदिर में भस्म होली खेली जाती है। जी हां, उत्तरकाशी के प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर में होली के अवसर पर भोले के जयकारों के साथ भस्म होली खेली गई।

बाबा विश्वनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के बाद भस्म होली का आयोजन हुआ। इस दौरान गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। जिन्होंने एक दूसरे पर हवन कुंड की भस्म लगाकर होली की बधाईयां दी।

उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में विगत कई सालों से उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर होली का आयोजन किया जा रहा है। होलिका दहन के दिन सुबह आरती के बाद खेली जाने वाली इस होली में बड़ी संख्या में श्रद्धालु व स्थानीय लोग शामिल होते हैं।

मंगलवार को मंदिर के महंत अजय पुरी ने आरती के बाद शिवलिंग पर भस्म लगाकर भस्मी होली का शुभारंभ किया। जिसके बाद मंदिर प्रांगण भोले के जयकारों से गूंज उठा।

महंत अजय पुरी ने गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान को भस्म लगाकर होली पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि वर्ष भर होने वाले यज्ञों की भस्म को होली के लिए एकत्रित किया जाता है। यह भस्म भोलेनाथ के भक्त प्रसाद के रूम में भी ले जाते हैं।

बताया कि यह भस्म पूरी तरह से प्राकृतिक है। जिससे रसायनिक रंगों से होने वाले नुकसान से भी बचाव होता है। इस मौके पर महंत जयेंद्र पुरी, रोटरी क्लब के अध्यक्ष शैलेंद्र नौटियाल, भाजपा नेता हरीश डंगवाल भी मौजूद रहे।

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