चंडीगढ़: लंबे समय से फरार चल रहे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने आज सुबह पंजाब के मोगा में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने के बाद पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब पुलिस ने ट्वीट कर उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है। पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया है। वहीं, फर्जी खबरों से बचने की सलाह दी है। खबर यह भी है कि अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ जेल में स्थानांतरित किए जाएगा।

वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने आज सुबह पंजाब के मोगा में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। अमृतपाल 18 मार्च से फरार चल रहा था। जानकारी के अनुसार अमृतपाल पंजाब के मोगा में रोडेवाल गुरुद्वारे में गया। इसी गुरुद्वारे से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी फरार होने के 36 दिनों बाद हुई है। पंजाब से लेकर नेपाल तक पुलिस ने इसकी तलाश की लेकिन इसका कोई पता नहीं चला था। इससे पहले अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर को लंदन जाने से रोका गया था।

किरणदीप के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। पुलिस ने उससे गहन पूछताछ की। इससे पहले पंजाब पुलिस ने अमृतपाल कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की थी। पुलिस ने हाल में मोहाली के सेक्टर-89 में छापेमारी कर अमृतपाल के दो करीबियों को हिरासत में लिया था। दोनों आरोपियों में एक महिला शामिल थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुरजंट सिंह और निशा रानी के रूप में हुई थी।

अमृतपाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कई बार आत्मसमर्पण करने की बात कही, लेकिन उनसे सरेंडर नहीं किया। आखिरकार आज उसने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। बता दें कि अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस की ओर से व्यापक स्तर पर अभियान चलाया गया। देश के कई राज्यों में पंजाब पुलिस ने उसके संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की थी। यही, नहीं पंजाब पुलिस ने नेपाल में भी उसके संभावित ठिकानों पर तलाशी ली थी।

गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन चलाता था। उसने पंजाब ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने जाल फैलाए थे। लंदन और अमेरिका में अमृतपाल के समर्थकों ने हाल में प्रदर्शन किया था। उसके समर्थक देश विरोधी नारे लगाते देखे गए थे। वहीं, पंजाब में भी खालिस्तान समर्थकों ने कई बार दीवारों पर देश विरोधी नारे लिखे।

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