हल्द्वानी : सिंचाई विभाग में मुख्य अभियंता कार्यालय में शनिवार को फर्जी विजिलेंस से छापा मार दिया। इस दौरान आरोपितों ने प्रधान सहायक को वीडियो व फोटो दिखाकर ब्लैकमेल किया। इसके बाद एक लाख रुपये रिश्वत लेकर फरार हो गए।

पुलिस ने शिकायत पर महिला समेत चार आरोपितों पर वसूली, प्रतिरूपण द्वारा धोखा देने, धोखाधड़ी व धमकी की धारा में प्राथमिकी कर जांच शुरू कर दी है। कैनाल कालोनी कालाढूंगी रोड निवासी उमेश चंद्र कोठारी ने पुलिस को बताया कि वह सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (स्तर -02) कार्यालय में प्रधान सहायक पद पर कार्यरत हैं।

18 मई को उनके कार्यालय में एक महिला समेत चार लोग बारी-बारी से घुसे और खुद को विजिलेंस कर्मी बताया। विजिलेंस का कार्ड भी दिखाया। इसके बाद उक्त लोगों ने एक टैब में आधी अधूरी वीडियो दिखाते हुए कहा कि हमारे पास तुम्हारी वीडियो है और मामला रफा दफा करने के लिए एक लाख रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर जेल भेजने और वीडियो वायरल करने की धमकी दी।
धमकाने पर वह मजबूरी में रुपये देने को तैयार हो गए। रुपये का इंतजाम करने को निकले तो फर्जी विजिलेंस टीम का एक व्यक्ति उनके साथ बाइक पर बैठकर साथ गया। लौटते समय बाइक सवार ने डिग्री कालेज से आगे चलने को कहा, जहां आफिस में मौजूद उनका एक साथी भी पहुंच गया और एक लाख रुपये ले लिए।

इसके बाद जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि यह बात किसी को बताया पर वीडियो वायरल करने व जान से मारने की धमकी दी। कोतवाल हरेंद्र चौधरी ने बताया कि अज्ञात आरोपितों पर प्राथमिकी कर ली है।

प्रधान सहायक उमेश चंद्र कोठारी का कहना है कि आरोपित बैगनार संख्या UK06BA-4534 में सवार होकर कार्यालय के बाहर रुके। आरोपितों का नाम व पता नहीं जानते, लेकिन शक्ल से पहचान सकते हैं।

विजिलेंस रिश्वतखोरों पर कार्रवाई करती है। विजिलेंस के नाम पर किसी ने रिश्वत ली है तो यह गंभीर विषय है। इस मामले में स्थानीय पुलिस से जानकारी जुटाई जाएगी।
प्रह्लाद नारायण मीणा, एसपी विजिलेंस

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