हरिद्वार : गंगा में अपने मेडल प्रवाहित करने निकले आंदोलनकारी पहलवान मंगलवार शाम उत्तराखंड स्थित हरिद्वार पहुंचे। मेडल गंगा में प्रवाहित करने के लिए महिला पहलवान साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और विनेश फोगाट सहित अन्य खिलाड़ी हरिद्वार पहुंचे थे। हरकी पैड़ी पर विरोध के बाद खिलाड़ी नाई सोता घाट पर काफी देर तक बैठे रहे। हालांकि, देर शाम भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी हरिद्वार पहुंचे और खिलाड़ियों को समझाया। नरेश टिकैट के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने फिलहाल मेडल विसर्जित न करने का फैसला लिया है। टिकैट ने खिलाड़ियों से मेडल लेकर उनसे पांच दिन का समय मांगा है। इसके बाद सभी खिलाड़ी हरिद्वार से वापस लौट गए हैं।

मंगलवार सुबह खिलाड़ियों के हरिद्वार गंगा में अपने मेडल विसर्जित करने की खबर ने न केवल दिल्ली बल्कि, उत्तराखंड की सियासत में भी हलचल मचा दी है। हालांकि, गंगा सभा इसके विरोध में खड़ी हुई। हरिद्वारगंगा सभा ने हरकी पैड़ी पर पहलवानों के मेडल विसर्जित करने का विरोध किया। गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि हरकी पैड़ी लाखों करोड़ों हिंदुओं की आस्था का स्थल है। यहां पर किसी भी राजनीतिक मुद्दे को तूल देने के लिए कोई भी कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पहलवानों से निवेदन किया कि वो इस तरह का कृत्य हरकी पैड़ी पर न करें।

वहीं, हरकी पैड़ी पर विरोध के बाद मेडल विसर्जित करने के लिए पहलवान नाई सोता घाट पहुंचे। नाई सोता घाट भी हरकी पैड़ी के पास ही है। हरिद्वार में जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी उनके साथ रहे। इसके साथ ही सैकड़ों लोग भी पहलवानों के समर्थन में गंगा घाट पहुंचे। इस दौरान खिलाड़ी घाट पर भी धरने पर बैठे रहे. कुछ देर बाद किसान नेता नरेश टिकैत भी मौके पर पहुंचे और खिलाड़ियों से बातचीत की।

उन्होंने पहलवानों को समझाया कि मेडल विसर्जित करने का फैसला वापस लें। टिकैट के समझाने के बाद पहलवानों ने फैसला लिया कि वो फिलहाल मेडल गंगा में विसर्जित नहीं करेंगे। हालांकि, इस दौरान पहलवानों को विश्वास में लेते हुए नरेश टिकैत ने उनसे मेडल लिए और सभी से पांच दिन का समय मांगा।

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