उत्तरकाशी : उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग में बीते 12 नवंबर से कैद 7 राज्यों के 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। एक-एक करके मजदूरों को टनल से बाहर निकाला गया। करीब 45 मिनट के अंदर एनडीआरएफ के जवानों से सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाला है। सभी मजदूर स्वस्थ हैं। श्रमिकों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है। इससे पहले शाम साढ़े सात बजे के करीब पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार हुआ। ये लाइफ लाइन पाइप है जिसके जरिए मजदूरों को बाहर निकाला गया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी भी रेस्क्यू साइट पर मौजूद रहे।

एनडीआरएफ की टीम ने सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया है। सीएम धामी ने बाहर निकल रहे मजदूरों से बातचीत और उनका हालचाल जाना। इससे पहले जैसे ही एनडीआरएफ के जवान अंदर मजदूरों तक पहुंचे वैसे ही सीएम धामी ने ताली बजाकर उनकी सराहना की। सभी मजदूरों को एंबुलेंस से चिन्यालीसौंण सीएचसी में ले जाया जा रहा है। इससे पहले मजदूरों को एयरलिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा था।

हालांकि, देर शाम हुई प्रेम कांफ्रेंस में एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन का कहना है कि शाम 4.30 बजे के बाद मजदूरों को एयरलिफ्ट नहीं किया जा सकता है। ऐसी परिस्थितियों में मजदूरों के लिए उत्तरकाशी जिला हॉस्पिटल में 30 बेड रिजर्व है, जहां मजदूरों को सभी तरह की मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी। वहीं, ऋषिकेश एम्स अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां ट्रॉमा सेंटर सहित 41 बेड का वार्ड तैयार किया गया है, साथ ही ट्रॉमा सर्जन सहित हृदय एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम भी तैयार है। जानकारी है कि गंभीर हालत वाले श्रमिकों को हेली से ऋषिकेश एम्स पहुंचाया जाएगा। ऋषिकेश एम्स के हेलीपैड पर एक साथ तीन हेलीकॉप्टर उतारे जा सकते हैं।

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