कोरोना संकट के बीच कई देश धीरे-धीरे पाबंदियों को हटा रहे हैं. कुवैत ने भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कर दी हैं, लेकिन कुछ देशों के नागरिकों पर अभी भी रोक लगाई गई है.

  • कुवैत ने तीन महीने के बाद शुरू की उड़ानें
  • भारत समेत 7 देशों के लोगों के प्रवेश पर रोक

कोरोना वायरस संकट के कारण कुवैत ने बड़ा फैसला लिया है. काफी वक्त के बाद कुवैत ने अपने देश से ट्रैवल की पाबंदी को हटाया, लेकिन कुछ देशों के लोगों के प्रवेश पर बैन जारी रखा है. इनमें भारत के लोगों पर भी बैन जारी है. यानी भारतीय नागरिक कुवैत में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.

दरअसल, कोरोना संकट के कारण मार्च के बाद से कुवैत ने अंतरराष्ट्रीय विमानों पर पाबंदी लगा दी थी. अब एक अगस्त से इस सेवा को शुरू करने का फैसला लिया गया है. हालांकि, कुल सात देशों के नागरिकों को कुवैत में प्रवेश करने से रोक है.

इन सात देशों में बांग्लादेश, फिलीपींस, भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान और नेपाल शामिल हैं. बता दें कि दक्षिण एशिया के इन्हीं देशों में कोरोना वायरस के मामले हैं और अधिकतर मजदूर और कामगार कुवैत यहां से ही जाते हैं. कुवैत के इस फैसले पर अभी आधिकारिक तौर पर भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब सामने नहीं आया है.

29 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक, कुवैत में कोरोना वायरस के करीब 66 हजार मामले हैं. अबतक 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, पचास हजार से अधिक लोग रिकवर हो चुके हैं.

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प्रवासी मजदूरों को लेकर भी किया था फैसला

बता दें कि हाल ही में कुवैत में काम करने वाले करीब 8 लाख भारतीयों के लिए बड़ा झटका लगा था. कुवैत की नेशनल एसेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने प्रवासी कोटा बिल के मसौदे को तैयार करने की अनुमति दी थी. इसके तहत विदेश से आकर कुवैत में काम करने वाले लोगों की संख्या को सीमित किया जाएगा.

बिल में प्रस्ताव था कि किसी भी देश से आए लोगों की जनसंख्या कुवैत की कुल जनसंख्या के 15 फीसदी से कम ही होनी चाहिए. कुवैत में अभी करीब 15 लाख के करीब भारतीय रहते हैं, अगर ये बिल पास होता है तो लगभग 8 लाख भारतीयों को कुवैत से वापस आना पड़ सकता है.

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