बद्रीनाथ /चमोली : बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का काम कर रही गावर कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर व पुलिस कर्मियों के बीच विवाद हो गया। मैनेजर ने पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है। जिसके विरोध में सोमवार को कंपनी के कर्मचारियों व मजदूरों ने मास्टर प्लान का काम पूरी तरह से बंद रखा। कंपनी के कर्मचारी व मजदूर शेष नेत्र झील के पास धरने पर बैठे रहे। वहीं, देर शाम कंपनी के अधिकारियों व थाना पुलिस अधिकारियों के साथ एसडीएम की बैठक हुई, जिसमें दोनों पक्षों में समझौता हो गया। एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। बताया कि मंगलवार से मास्टर प्लान का काम सुचारू रूप से संचालित होगा।

जानकारी के अनुसार, मामला रविवार देर रात का है। गावर कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनीत कुमार देर रात को काम के सिलसिले में शेष नेत्र झील के पास गए थे। वहां पर वीआईपी ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों के साथ उनकी पार्किंग को लेकर बहस हो गई। मैनेजर ने पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है। मैनेजर ने बताया कि निरीक्षण के सिलसिले में वह आराइवल प्लाजा के पास गए थे, वहां नो पार्किंग में वाहन को लेकर बहस हो गई।

वाहन नो पार्किंग में लगने से मास्टर प्लान के कार्यों में अड़चनें आने को लेकर उन्होंने मौके की फोटो खींची, जिस पर तीन पुलिस कर्मियों ने मारपीट शुरू कर दी। कहा कि वे मारते-मारते थाने तक लेकर गए। सूचना पर हमारा पूरा स्टाफ वहां आ गया। रात को आश्वासन दिया गया कि सुबह मामले में कार्रवाई की जाएगी, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। कंपनी के कर्मचारियों ने दोषी कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग उठाई है।

उधर, सोमवार को मामले के विरोध में कंपनी के सभी कर्मचारी व मजदूर काम बंद करके शेष नेत्र झील के पास धरने पर बैठ गए। कंपनी के सीनियर मैनेजर रविंद्र सोढ़ी का कहना है कि जब तक आरोपी पुलिस कर्मी लिखित में माफी नहीं मांगते या उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती वे काम बंद रखेंगे।

दोपहर तीन बजे बदरीनाथ पहुंचे एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की, जिसमें उनके बीच समझौता कराया गया। एसडीएम ने कहा कि मामले में जांच की जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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