देहरादून : कहते हैं ना कि चाहत हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। मुफलिसी या अन्य कोई भी बड़ी परेशानी किसी को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती है। रुड़की के मोहित पाल ने इसे सच करके दिखाया है। मोहित के पिता ट्रक चालक हैं। उन्होंने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी कि नीट में 576 अंक हासिल किए है।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि मोहित का यह छठा प्रयास था। सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि मोहित अपने लक्ष्य को लेकर किस कदर गंभीर रहे हैं।

मोहित ने शिवालिक स्कूल रुड़की से 2016 में बारहवीं की। सपना डाक्टर बनने का था, इसल‍िए मेडिकल की तैयारी में जुट गए। जिसमें उन्हें बलूनी क्लासेज का साथ मिला। मोहित के परिवार की आर्थिक स्थिति देख संस्थान ने उसे निशुल्क कोचिंग दी।

मोहित ने बताया कि उनके पिता प्रमोद कुमार पाल ड्राइवर हैं। मां सरस्वती गृहिणी। बड़ा भाई जय और बहन नेहा प्राइवेट नौकरी करते हैं। बताया कि कई प्रयास के बाद भी उन्हें अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिल रही थी। एक वक्त ऐसा आया कि उन्होंने आस ही छोड़ दी थी। 2018–19 में वह मानसिक रूप से बुरी तरह टूट गए और अवसाद में चले गए।

हालात ऐसे थे की चिकित्सक से सलाह लेनी पड़ी। 2020 में उन्होंने कालेज में स्नातक में दाखिला ले लिया। प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा भी दे दी थी। फिर सोचा मैने ये तो नहीं करना था। एक बार फिर जी जान से नीट की तैयारी की। गत वर्ष उन्हें 542 अंक मिले।

वेटनरी कोर्स में प्रवेश भी मिल रहा था।पर मन नहीं माना। तय किया एक आखिरी कोशिश और करूंगा। इस बार उनके 576 अंक आए हैं। पूरी उम्मीद है कि राज्य के मेडिकल कालेज में दाखिला मिल जाएगा।

 

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