देहरादून: कोरोनाकाल में आंदोलन कर रहे डॉक्टरों ने सोमवार को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री रावत से मुलाकात के बाद अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।

दरअसल चिकित्सक एक सप्ताह से काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैैं। इसके बाद उन्होंने आठ सितंबर को सामूहिक इस्तीफे की भी चेतावनी दी थी। लेकिन स्वास्थ्य सचिव से वार्ता के बाद यह निर्णय स्थगित कर दिया गया था। अब उन्होंने सीएम से वार्ता के बाद आंदोलन पूर्ण रूप से स्थगित कर दिया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उस घोषणा को लेकर है, जिसमें पीजी करने वाले डॉक्टर को पूरी तनख्वाह देने की बात सीएम रावत ने कही थी, लेकिन इसका आदेश अभी तक जारी नहीं किया गया है। साथ ही इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा तहसीलदार, पटवारी आदि को अस्पतालों के निरीक्षण के लिए नामित करने और बढ़ते प्रशासनिक हस्तक्षेप का भी विरोध किया गया है।

इसके साथ ही जसपुर में कंटेनमेंट जोन को लेकर प्रभारी चिकित्साधिकारी से की गई अभद्रता पर जसपुर विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी डॉक्टर कर रहे हैं। उन्होंने ये मांग भी की है कि हर विभागीय और प्रशासनिक जांच में अस्पताल में हुई मौत का ठीकरा चिकित्सक के सिर न फोड़े जाए। ये पूरी तरह से गलत है। फिलहाल सीएम से मुलाकात पर आंदोलन स्थगित कर दिया गया।

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