देहरादून: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश लगातार दखल दे रहे हैं। उनकी इच्छा थी कि वो उत्तराखंड में ही स्थापित होते।

पिछले चुनाव में भी उन्होंने कोशिश की थी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। तब से लेकर शिव प्रकाश के पास उत्तर प्रदेश, बंगाल और उत्तराखंड का प्रभार है। लेकिन वहां उनकी एंट्री उस तरीके से है।  ले दे कर वो उत्तराखंड में ही अपने ही चलाने की कोशिश करने में लगे हुए हैं। शिव प्रकाश ने प्रदेश अध्यक्ष लेकर जिला अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष हर जगह अपनी दखल रखी हुई है और यही कारण है कि सुरेश भट्ट को आज महामंत्री बनाने से पहले एक प्रोपेगेंडा के तहत उनका नाम मुख्यमंत्री के रूप में उछाला गया।

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शिव प्रकाश चाहते हैं कि जितना उत्तराखंड में अस्थिरता होगी उतना ही उनके लिए मुफीद रहेगा अपनी राजनीति चलाना। पिछले दिनों जब उत्तराखंड भाजपा के कुछ विधायक दिल्ली हाईकमान से मिलने गए थे तो उस दौरान उनको केंद्रीय नेतृत्व से मिलाने में शिव प्रकाश का बड़ा रोल बताया गया।देखना है कि अब शिव प्रकाश की यह नई ट्रिक जिसके अंतर्गत उन्होंने सुरेश भट्ट को उत्तराखंड में महामंत्री बनवाने का काम किया है यह कितना सफल होता है।

आपको बता दें सुरेश भट्ट कालाढूंगी विधानसभा के रहने वाले हैं। यह वही विधानसभा है जहां से प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत विधायक हैं। शिव प्रकाश एक तीर से कई निशाने लगा रहे हैं। सुरेश भट के आने से वह बंशीधर भगत पर भी दबाव बनाएंगे। आने वाले समय में जो बंशीधर की उम्र बढ़ रही है इसलिए टिकट सुरेश भट्ट का हो।

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