नई दिल्ली : पूरे देश में आज से नेशनल हाइवे टोल्स पर भुगतान के लिए फास्ट टैग अनिवार्य हो गया है। जिस गाड़ी पर फास्ट टैग नहीं होगा, उसपर भारी जुर्माना जुर्माना लगेगा।

हालांकि टू व्हीलर वाहनों को फास्टैग से छूट दी गई है। आपको बता दें कि फास्टैग साल 2011 में लागू किया गया था। इसके बाद साल 2017 के बाद खरीदे जाने वाले सभी वाहनों के लिए फास्टैग को जरूरी कर दिया गया था।

सरकार की तैयारी है कि 15 फरवरी से 100 फीसदी टोल फास्टैग की मदद से ही कलेक्ट किया जा सके। फिलहाल नेशनल हाईवे से जितने भी टोल टैक्स आते हैं, उनमें 80 फीसद ही फास्ट टैग से आते हैं। अब अगर गाड़ी में फास्टैग नहीं लगा होगा तो चालक को टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना देना होगा।

जानिए क्या होता है फास्टैग

फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपने आप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।

आपको बता दें कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से परिवहन विभाग को पत्र भेजा गया है। इसके तहत 15 फरवरी की रात 12 बजे से रोडवेज की बसों में भी फास्टैग अनिवार्य होगा। अन्यथा की स्थिति में वह बसें भी दोगुने शुल्क की वसूली के दायरे में आ जाएंगी। वहीं, परिवहन निगम के जीएम संचालन दीपक जैन का कहना है कि सभी बसों में पहले से ही फास्टैग लगा दिए गए हैं।

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