देहरादून : उत्तराखंड राज्य आपदा के लिहाज से संवेदनशील राज्य है। राज्य में पिछले 20 वर्षों में कई बार दैवी आपदा चुकी है जिसमें हजारों लोगों की अकाल मृत्यु हो चुकी है ऐसे में उत्तराखंड सरकार के लिए जब भी मानसून सीजन आता है एक बड़ी चुनौती सामने खडी हो जाती है। मानसून सीजन को देखते हुए इस बार उत्तराखंड सरकार पहले से ही तैयारियों में जुट गई है। क्योंकि हाल ही में चमोली में एक बड़ी आपदा आई जिसमें 60 से 70 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घर से बेघर हुए। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री धन सिंह रावत मानसून सीजन से पहले ही लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं और मानसून सीजन में ऐसी जगहों पर जहां आपदा आने का खतरा बना रहता है उनको चिन्हित कर उनके विस्थापन की कार्यवाही करने के निर्देश दे रहे हैं।

पुनर्वास के साथ-साथ आपदा प्रभावित इलाकों में आपदा से बचाव के लिए लगातार कामकाज किया जा रहा है और ऐसी जगहों पर स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि यदि किसी तरह की दैवीय आपदा आए तो सरकारी मदद पहुंचने से पहले स्थानीय लोग अपने आसपास के लोगों की मदद कर सकें और ज्यादा नुकसान होने से बचा या जा सके।

उत्तराखंड में दैवीय आपदा सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है ऐसे में बरसात और बरसात के बाद लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए किसी तरह की आपदा से लोग प्रभावित हो इसके लिए पहले ही प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि आपदा आने के बाद दोहरा नुकसान लोगों को उठाना पड़ता है एक तरफ तो लोग अपनी जिंदगी के लिए जद्दोजहद करते हैं दूसरी तरफ सरकार के लिए भी सब कामकाज छोड़कर ऐसे लोगों पर ही अपना ध्यान केंद्रित करना पड़ता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप दा जैसे हालात पैदा ही ना हो ने दिए जाएं।

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