देहरादून : हरक और सुबोध एक लाइन पर
कुर्सी से हटने के बाद त्रिवेंद्र सिंह उनके निशाने पर आने लग गए हैं जिन्हे त्रिवेंद्र ठिकाने लगाने के लिए जाने जाते थे त्रिवेंद्र के मंत्रिमंडल के साथी त्रिवेंद्र की मुख्यमंत्री पद से विदाई के बाद अब खुलकर मोर्चा खोल चुके हैं। त्रिवेंद्र कार्यकाल के समय जब से श्रम विभाग के अधीन काम करने वाला उत्तराखंड का कर्मकार कल्याण बोर्ड चर्चाओं में आ गया था। तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत ने बोर्ड से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को हटाकर अपने पसंदीदा खास शमशेर सिंह सत्याल को इसका अध्यक्ष बना दिया था। सत्याल ने आते ही ताबडतोड तरीके से न सिर्फ पुराना बोर्ड भंग कर दिया गया था। बल्कि सारे कर्मचारियों की छुटटी भी कर दी गई थी।
लेकिन नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद जो त्रिवेंद्र सरकार में दायित्व धारी थे उनको भी बर्खास्त कर दिए गए है श्रम बोर्ड में एक बार फिर हरक सिंह की दमदार वापसी हो गई है।भावुक हरक सिंह कहते हैं कि जिन कर्मचारियों को तब दीवाली के मौके पर हटाया गया, उनके बच्चों की दिवाली कैसे गुजरी होगी। हरक सिंह कहते हैं हटाने वालों पर उन गरीबों की हाय लग गई। हरक यहीं नहीं रुके। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत पर निशाना साधते हुए हरक बोले ऐसी ईमानदारी का क्या फायदा, जो किसी का भला न कर सके।ऐसे ईमानदार लोगों को म्यूजियम मे रख देना चाहिए।


वही शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने भी हरक सिंह रावत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि दुर्भावना के तहत कर्मकार कल्याण बोर्ड से लोग हटाए गए थे। अगर इन लोगों ने गलत काम किया था तो कानूनन उनसे पहले जवाब तलब किया जाना चाहिए था।

अब ऐसे में देखना होगा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल की बातों का क्या जवाब देते हैं।

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