हरिद्वार :कोविड19 की चुनोती के मध्य कुम्भ 2021 नित नव गाथा ये बना रहा है, यह कुम्भ कई मायनों में एतिहासिक है। वर्ष 1938 के 83 साल पश्चात एक विशिष्ट योग में संम्पन हो रहे इस महाकुम्भ में आज कोविड संक्रमण से बचाव का सन्देश देने के लिए आज एक मानव श्रृंखला बनाई गई , जिसे मास्क के आकार में ढाला गया।देवभूमि के हरिद्वार में गोरी शंकर पार्किंग स्थल में सुगम कुम्भ एवम सुरक्षित कुम्भ का धेय्य को आत्मसात किये जवानों ने एक कार्यक्रम के दौरान मास्क की आकृति बना कर दो गज दूरी मास्क जरूरी का संदेश दिया, यह मास्क आकृति इतिहास में सबसे बड़ी मानव सृजित मास्क आकृति हैं।

जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज करने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड की ओर से जज वीरेंद्र सिंह एवमं समन्वयक संदीप विश्नोई मौजूद रहे।मास्क आकृति में कुंभ मेला पुलिस,एस डी आर एफ उत्तराखंड पुलिस पीएसी,एटीएस उत्तराखंड,उत्तरप्रदेश पीएसी राजस्थान होमगार्ड,सीआरपीएफ,आईटीबीपी, सीआईएसएफ, बीएसएफ,एनएसजी, एसएसबी के कुल 5077 सम्मलित रहे।कार्यक्रम का आयोजन संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ , के नेतृत्व में कुम्भ मेला पुलिस ने किया महाकुम्भ-2021 में कोविड संक्रमण से बचाव का सन्देश देने के लिए आज कुंभ मेला पुलिस, SDRF उत्तराखंड पुलिस PAC ATS उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश PAC, राजस्थान होमगार्ड, CRPF, ITBP, CISF, BSF, NSG, SSB के कुल 5077 जवानों ने एक मानव श्रृंखला बनाई गई, जिसे मास्क के आकार में ढाला गया।

सुगम एवं सुरक्षित कुम्भ का धेय्य को आत्मसात किये जवानों ने मास्क की आकृति बना कर दो गज दूरी मास्क है जरूरी का संदेश दिया।

यह मास्क आकृति इतिहास में सबसे बड़ी मानव सृजित मास्क आकृति है, जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया।

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