चमोली:करोड़ो लोगो का आस्था का आस्था का केंद्र भगवान बद्री विशाल के कपाट खोले जाने को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो गई है। पहले जहां पूरे देश के साथ-साथ विदेशों से भी श्रद्धालु श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचे थे।वहीं इस साल श्रद्धालु बद्रीनाथ पहुंचकर दर्शन नहीं कर सकेंगे लेकिन सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के लिए घर बैठे बैठे ऑनलाइन के माध्यम से दर्शन की व्यवस्था कर रखी है।

वही 18 मई को भू-बैकुंठ, श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 4:15 पर ग्रीष्म काल के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे पहले रविवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की भूमि जोशीमठ से शंकराचार्य जी की पावन गद्दी और गाडू घडा /तेल कलश योग ध्यान बद्री पांडुकेश्वर से रवाना हो गया है। रविवार को जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूद्री की उपस्थिति में लक्ष्मी मंदिर में मां लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की गई।

परंपराओं के अनुसार कपाट खुलने से 2 दिन पूर्व आदि गुरु शंकराचार्य जी की पावन गद्दी हर्ष उल्लास के साथ जोशीमठ के नृसिंह मंदिर से पांडुकेश्वर के लिए रवाना की जाती है। हालांकि कोविड-19 के चलते सीमित संख्या में गद्दी के दर्शनों के लिए भगवान बद्री विशाल के स्श्रथानीय भक्त नरसिंह मंदिर पहुंचे। इस अवसर पर स्थानीय महिलाओं ने मांगलिक गीत गाकर भगवान बद्री विशाल की जय जय कार के नारे लगाए।

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