देहरादून :उत्तराखंड से बड़ी दुःखद खबर सामने आ रही है। हल्द्वानी विधायक और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश का आज सुबह नई दिल्ली में हार्ट अटैक से निधन हो गया है ।

आपको बता दें दिल्ली में कांग्रेस संगठन की बैठक में शामिल होने गई थी इंदिरा ह्रदयेश जहाँ आज सुबह उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई।
कुछ समय पहले ही नेता प्रतिपक्ष कोरोना से उभरी थी और उनकी हार्ट संबंधी इलाज भी हुआ था। हालांकि आज सुबह का एक उनकी हालत बिगड़ने लगी। इस दौरान उत्तराखंड सदन में रुकी हुई थी। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के निधन से कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि वर्तमान में कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं में वह एक कद्दावर नेता के तौर पर पहचानी जाती थी।

सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर हार्ट अटैक के कारण हुआ नेता प्रतिपक्ष का निधन ।

इंदिरा हृदयेश के निधन से उत्तराखंड की राजनीति और कांग्रेस को लगा बड़ा झटका ।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने इस बात की पुष्टि की है। वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है

इंदिरा ह्रदयेश का राजनीतिक सफर…

अप्रैल 1941 में जन्मी इंदिरा हृदयेश ने 80 की उम्र में दिल्ली में आज अंतिम सांस ली आज सुबह उत्तराखंड सदन में नेता प्रतिपक्ष की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें संभाला ना जा सका और उनका निधन हो गया इंदिरा हरदेश के राजनीतिक सफर पर नजर डालें 1974 में उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में पहली बार चुनी गई जिसके बाद 1986 1992 और 1998 में इंदिरा ह्रदयेश लगातार चार बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई साल 2000 साल 2000 में अंतरिम उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनी और प्रखरता से उत्तराखंड के मुद्दों को सदन में रखा साल 2002 में उत्तराखंड में जब पहले चुनाव हुए तो हल्द्वानी से नेता प्रतिपक्ष विधानसभा चुनाव जीतकर पहुंची

जहां उन्हें एनडी तिवारी सरकार में संसदीय कार्य , लोक निर्माण विभाग समेत कई महत्वपूर्ण विभागों को देखने का मौका मिला एनडी तिवारी सरकार में इंदिरा ह्रदयेश का इतना बोलबाला था कि कि उन्हें सुपर मुख्यमंत्री तक कहा जाता था इंदिरा ह्रदयेश जो कह दे वह पत्थर की लकीर हुआ करती थी 2007 से 12 के टर में इंदिरा हृदयेश चुनाव नहीं जीत सकी।

लेकिन 2012 मैं एक बार फिर वह विधानसभा चुनाव जीती और विजय बहुगुणा और हरीश रावत सरकार में वित्त मंत्री संसदीय कार्य समेत कई महत्वपूर्ण विभाग इंदिरा हृदयेश ने देखें वही 2017 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा ह्रदयेश एक बार फिर हल्द्वानी से जीतकर पहुंची कांग्रेस विपक्ष में बैठी तो नेता प्रतिपक्ष के रूप में इंदिरा ह्रदयेश को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका मिला इंदिरा हृदयेश एक मजबूत इरादों की महिला कहीं जाती रही है उन्हें उत्तराखंड की राजनीति की आयरन लेडी भी कहा जाता रहा है उनका एकाएक सबके बीच से चला जाना प्रदेश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है प्रदेश के तमाम मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तराखंड की जनता अपनी इस महत्वपूर्ण और प्रिय नेता के जाने से स्तब्ध है किसी को उम्मीद नहीं थी कि 2022 के चुनाव की रणनीति बनाने दिल्ली गई इंदिरा ह्रदयेश को अब कोई नहीं मिल पाएगा उत्तराखंड की राजनीति में उनके जाने से जो खालीपन हुआ है उसको कभी भरा नहीं जा सकता इंदिरा ह्रदयेश की उत्तराखंड की राजनीति में इतनी धमक थी कि अगर वह किसी मुख्यमंत्री को कुछ कह दें तो मजाल नहीं कि मुख्यमंत्री भी उनकी बात को टाल दें आपको बता दें कुछ समय पहले ही इंदिरा ह्रदयेश को कोरोना हुआ जिसकी जंग जीतकर वह वापस आई फिर उनकी हार्ट सर्जरी भी दिल्ली में कराई गई थी जिस से भी वह रिकवर कर गई थी लेकिन एकाएक उनका निधन हो जाना किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी।वही प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत , पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत तमाम राजनैतिक नेताओ ने उनके निधन पर शोक जताया ।

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