कोरोना वैक्सीन में गड़बड़झाला: अब क्या 36 दिन में दूसरी डोज लगनी शुरू !
48 दिन पहले 18 प्लस आयु वर्ग में 9123 को दूसरी डोज मिल गई
तीरथ सरकार ने 18 प्लस व 44 आयु वर्ग के लिए 10 मई से जोरशोर से टीकाकरण शुरू किया – भारत सरकार की गाइड लाइन है कि कोविड वैक्सीन का दूसरा टीका 84 दिन बाद यानि 12 सप्ताह में लगाया जाना है। उत्तराखंड की कोरोना बुलेटिन में कल 18 प्लस आयु वर्ग में 9123 नागरिकों को कोरोना की दूसरी फाइनल डोज देने की जनपदवार जानकारी दी गई है।
यह हैरतंगेज बात है कि 45 और अधिक आयु वर्ग के नागरिक अपने दूसरे और अंतिम टीके के लिए 84 दिन का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने 10 मई को शुरू किए अपने अभियान के 36 वें दिन में ही दूसरी डोज देने की जानकारी प्रसारित कर दी है।
13 जून और 14 जून के टीकाकरण आंकड़ों का मिलान करें तो चमोली और पौड़ी गढ़वाल जनपद में कुल योग दो – दो टीके कम दर्शा रहा है।
13 जून की बुलेटिन में उत्तराखंड प्रदेश में कुल 33 लाख 10 हजार 656 लोगों को टीका लगना बताया गया है। 14 जून को 55948 लोगों को टीके की डोज दी गई सो अब आंकड़ा 33 लाख 66 हजार 604 होना चाहिए लेकिन बुलेटिन में चार कम 33 लाख 66 हजार 600 आ रहा है। यह अंतर चमोली और पौड़ी जनपदों में आया है।
बुलेटिन की जांच करने पर चमोली गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल के टीकाकरण का योग दो घटाकर दिखाया गया है।
18 प्लस और 44 आयु वर्ग को कोरोना का फाइनल टीका कायदे से 84 दिन बाद एक अगस्त से लगना शुरू होना चाहिए लेकिन सरकारी बुलेटिन में इस वर्ग में गढ़वाल मंडल में 5372 और कुमायूं मंडल में 3751 और कुल 9123 लोगों को कोरोना टीके की फाइनल डोज लग चुकी है।
18 प्लस आयु वर्ग में फाइनल डोज पाने वाले देहरादून में 2419, हरिद्वार में 996, उत्तरकाशी में 746, पौड़ी में 451, चमोली में 390 और टिहरी में 370 युवा हैं और रूद्रप्रयाग जनपद में किसी को दूसरी डोज का टीका नहीं लगा है।
इसी वर्ग में अल्मोड़ा – 1030, बागेश्वर – 643, उधमसिंह नगर 619, नैनीताल – 561 और पिथौरागढ़ में 18 प्लस आयुवर्ग में 535 का पूर्ण वैक्सीनेसन हो गया है।
उल्लेखनीय है कि 150 दिन पुराने टीकाकरण अभियान में उत्तराखंड में 26 लाख 61 हजार से अधिक नागरिकों का आंशिक टीकाकरण यानि एक टीका लगा है और मात्र 7 लाख 5 हजार 183 नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हो पाया है।
सरकार को प्राइवेट अस्पताल में हो रहे टीकाकरण का हिसाब किताब अलग से रखना है ताकि कोरोना के खिलाफ निर्णायक कोरोना वैक्सीन प्रबंधन में लापरवाही पर समय रहते लगाम लगायी जा सके और नागरिकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े।
संभव है – वैक्सीन बुलेटिन की जांच में लापरवाही होने से यह गड़बड़ हो रही है और दूसरी डोज भी 45 प्लस आयु वर्ग को दी गई है लेकिन कल के कुल योग में आज लगाये गए टीका का योग कर आसानी से तेरह जनपदों में लगे कुल टीके का आसानी से हिसाब किताब रखा जा सकता है।
अगर 18 प्लस में 84 दिन से पहले अंतिम डोज देने का आदेश है तो 45 प्लस आयु वर्ग को 84 दिन तक इंतजार कराना अर्थहीन और जानलेवा हो सकता है। सबसे पहले 28 दिन के बाद दूसरी डोज दी जानी थी। फिर 6 सप्ताह के बाद दूसरी और अब 12 सप्ताह यानि 84 दिन के बाद अंतिम डोज लगाने की सिफारिश एक्सपर्ट कमेटी ने की और भारत सरकार ने तदानुसार टीकाकरण अंतराल तय किया है और इसका पालन सुनिश्चित न होने पर अव्यवस्था बननी शुरू हो जायेगी।
– भूपत सिंह बिष्ट

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