देहरादून:- हरिद्वार में कुंभ में हुए टेस्टिंग के घोटाले के मामले में जहां टेस्टिंग लैब्स के ऊपर मुकदमा दर्ज हो गया वहीं अब इस मामले में लगातार कई बयान भी सामने आ रहे हैं ऐसे में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा की कोरोना की टेस्टिंग के फर्जीवाड़े के इस मामले में जो हुआ है वह एक केवल आर्थिक भ्रष्टाचार नहीं है वह जनजीवन से जुड़ा हुआ है एक गंभीर किस्म का मसला है।

कोरोना महामारी का दौर चल रहा है और जिस तरीके से टेस्टिंग को लेकर सवाल खड़े हुए हैं कि टेस्टिंग कराई ही नहीं गई है वह अपने आप में काफी सवाल खड़े होते हैं उनके अनुसार सरकार ने जो फैसले इस मामले में लिए हैं वह बेहद गंभीर और मजबूत फैसले लिए हैं मजबूत इच्छाशक्ति का परिचय दिया है और ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए उसकी बढ़िया जांच होनी चाहिए अच्छे लोगो से इस मामले में जांच होनी चाहिए और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुसार इन पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए वही बड़ासी के पास पुल की एप्रोच रोड ढहने के मामले पर भी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ तौर पर कहा जब यह पुल बनकर तैयार हुआ था तब भी इसमें कुछ दरारें पड़ी थी जिसके चलते तत्कालीन अभियंताओं पर कार्रवाई की गई थी उनके अनुसार आज भी जो मामला सामने आया है उसको लेकर भी मुख्य सचिव और सचिव लोक निर्माण को फोन करके जांच करने के निर्देश दिए हैं उनके अनुसार इसपर जांच करके सख्त से सख्त कार्यवाही करें क्योंकि जनता के जनजीवन को नुकसान पहुचाने वालो को नहीं बख्शा जाना चाहिए।

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