खटीमा: मणिपुर में शहीद खटीमा में झनकट निवासी आसाम राइफल्स के हवलदार हयात सिंह महर का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके निवास स्थान झनकट पहुंचा। पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही परिजन बदहवास हो गए। शहीद का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ बनबसा शारदा घाट पर किया गया। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है।

हवलदार हयात सिंह महर (48) पुत्र स्व. त्रिलोक सिंह 31 आसाम राइफल्स में मणिपुर में तैनात थे। वह 1992 में भर्ती हुए थे। मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट तहसील के ग्राम जमतड़ निवासी हयात सिंह का परिवार झनकट की डिफेंस कॉलोनी में रहता है। बुधवार तड़के शहीद का पार्थिव शरीर लेकर रेजीमेंट के दो अधिकारी उनके निवास स्थान पहुंचे तो परिजनों के करुण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया।

शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शहीद के पार्थिव शरीर के साथ पहुंचे 31 आसाम राइफल्स के सूबेदार पूरन सिंह ने बताया कि शहीद हयात सिंह महर का उल्फा उग्रवादियों ने 12 जुलाई को अपहरण कर लिया था और 16 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर मिला था। बनबसा छावनी स्थित 8 जेकलाई रेजीमेंट के जवानों ने शहीद के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सेना के जवान पार्थिव शरीर को लेकर शारदा घाट पहुंचे। वहां जेकलाई रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें सलामी दी। इसके बाद शहीद का अंतिम संस्कार हुआ।

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